Hiroshima Day 2023 : हिरोशिमा की बर्बादी कैसे हुई थी ? जानिए इस दिन की तिथि, इतिहास, महत्व, और प्रभाव
- By Sheena --
- Friday, 04 Aug, 2023
Hiroshima Day 2023 History and Facts
Hiroshima Day 2023: 6 अगस्त को दुनिया भर के लोग हिरोशिमा दिवस मनाते हैं। जापानी शहर हिरोशिमा पर द्वितीय विश्व युद्ध के परमाणु हमले की सालगिरह मनाने वाले इस दिन का उद्देश्य परमाणु हथियारों के विनाशकारी परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है। हिरोशिमा दिवस उन लोगों का भी सम्मान करता है जो हमले में मारे गए और जो दशकों की पीड़ा सहने के लिए पीछे रह गए।
हिरोशिमा दिवस क्या है?
परमाणु बम विस्फोटों के दुखद परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शांति राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए हर साल 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है।1945 में इसी दिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापानी शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। भीषण परमाणु विस्फोट जिसमें हजारों लोग मारे गए और शहर का 90% हिस्सा नष्ट हो गया। 70,000 से 126,000 नागरिक और लगभग 20,000 सैनिक मारे गए। तीन दिन बाद जापान के एक अन्य शहर नागासाकी में हुए बम विस्फोट में 80,000 लोग मारे गए। परीक्षण के अलावा यह पहला संघर्ष था जब परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था। उस समय से, किसी भी युद्ध में परमाणु या परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं किया गया है। 6 जुलाई 2022 को हत्याओं की 77वीं बरसी होगी।
क्या था ‘मैनहट्टन’ प्रोजेक्ट?
साल 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने से पहले ही, अमेरिकी वैज्ञानिकों का एक ग्रुप जिनमें से कई यूरोपीय फासीवादी शासन के शरणार्थी थे, नाज़ी जर्मनी में किए जा रहे परमाणु हथियार अनुसंधान से चिंतित थे। अगले ही वर्ष 1940 में, अमेरिकी सरकार ने परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम शुरू किया। अमेरिकी सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स को शीर्ष-गुप्त कार्यक्रम के लिए आवश्यक सुविधाओं के निर्माण का नेतृत्व सौंपा गया, जिसे कोडनेम दिया गया ‘द मैनहट्टन प्रोजेक्ट’। इसके बाद वैज्ञानिकों ने परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) के लिए मूल सामग्री यूरेनियम-235 और प्लूटोनियम (PU-239) का निर्माण किया, और इसे लॉस एलामोस, न्यू मैक्सिको भेजा गया, जहां जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर के नेतृत्व में एक कुशल टीम ने इन सामग्रियों से परमाणु बम का निर्माण किया। 16 जुलाई 1945 की सुबह-सवेरे ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ को न्यू मैक्सिको के अलामोगोर्डो में ट्रिनिटी परीक्षण स्थल पर प्लूटोनियम बम का पहला सफल परीक्षण किया।
क्या था 'लिटिल बॉय' और 'फैट मैन'?
परमाणु हमले के लिए अमेरिका ने टोक्यो से करीब 800 किमी दूर एक विकसित शहर हिरोशिमा को चुना था. करीब 9 हजार पौंड वाले यूरेनियम-235 बम को बी-29 बमवर्षक पर लोड किया गया, जिसके पायलट कर्नल पॉल थे। विमान ने सुबह 08.15 बजे पैराशूट से बम गिराया जिसका कोड नाम था ‘लिटिल बॉय’। यह हिरोशिमा से 2,000 फीट ऊपर फट गया, जिससे शहर का लगभग 12.95 वर्ग किमी क्षेत्र तबाह हो गया. इसके बावजूद जापान ने आत्मसमर्पण नहीं किया। लिहाजा 9 अगस्त 1945 को सुबह 11.02 बजे मेजर चार्ल्स स्वीनी ने एक और प्लूटोनियम बम, जिसका कोड था ‘फैट मैन’, जो ‘लिटिल बॉय’ से ज्यादा शक्तिशाली था, लेकिन घने बादलों के कारण यह बम निर्धारित लक्ष्य कुकुरा शहर के बजाय संकरी घाटियों में बसे नागासाकी में गिरने से बम का प्रभाव कम हो गया, इस धमाके से 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
आत्मसमर्पण और राहत
जापान के दोनों विकसित शहरों के श्मशान में परिवर्तित होने के बाद 15 अगस्त 1945 को जापान के सम्राट हिरोहितो ने एक रेडियो संबोधन में दुनिया के सबसे क्रूरतम, विनाशकारी एवं कायराना हमला बताते हुए बिना शर्त आत्मसमर्पण की घोषणा की. सूत्रों की मानें तो अगर जापान 15 अगस्त को आत्म-समर्पण नहीं करता तो अमेरिका जापान के एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी। हालांकि अमेरिका के इस कृत्य की सभी देशों ने भर्त्सना की थी।