हिमाचल का खजाना हुआ खाली कर्मचारियों को वेतन देने के लिए लेना पड़ेगा लोन, 13 जनवरी को होगी कैबिनेट की बैठक: हर्षवर्धन चौहान
Himachal Government will have to take loans to pay salaries to the vacant employees.
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं है ओर कर्मचारियों को वेतन देने के लिए सरकार को अब लोन लेना पड़ेगा। यह बात सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को शिमला सचिवालय में कार्यभार सम्भालने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सामने काफी बड़ी चुनौतियां है। खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है प्रदेश आर्थिक रूप से कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है प्रदेश को चलाने के लिए जो दिन-प्रतिदिन के खर्चे हैं उसके लिए भी पैसे नहीं है पूर्व की सरकार ने राजनीति का आधार पर जगह-जगह संस्थान खोल दिए हैं और इन संस्थानों को चलाना हो तो 5 हजार करोड की जरूरत पड़ेगी। जिसको देखते हुए सरकार ने फिलहाल इन विभागों को नोटिफाई किया है।
प्रदेश पहले ही 75000 करोड़ के कर्ज के नीचे हुआ दबा
उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि अब कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए एक 1 हजार करोड़ का लोन लेना पड़ेगा। आपको बतादें कि प्रदेश पहले ही 75000 करोड़ के कर्ज के नीचे दबा हुआ है। पूर्व की भाजपा सरकार ने राजनीतिक हित को आगे रखते हुए कार्य किया और अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है मंत्रिमंडल में साफ-सुथरे नौजवान और अनुभव वाले मंत्री बनाए गए हैं और जो प्रदेश में विकास रुका हुआ है उसे शुरू किया जाएगा और भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा और नई सोच के साथ काम किया जाएगा उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता का सुख भोगने नहीं बल्कि सत्ता परिवर्तन के लिए आई है वहीं उन्होंने कहा कि 13 जनवरी को सचिवालय में पहली कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें ओ.पी.एस को बहाल किया जाएगा।