हिमाचल को 10 हजार करोड़ का नुकसान; CM बोले- फिर से सब बनाने में 1 साल लग जाएगा, कांगड़ा-शिमला से रेस्क्यू किए जा रहे लोग, हालात खराब
Himachal Disaster News Updates Kangra-Shimla Landslide
Himachal Disaster News Updates: हिमाचल में कुदरत की चौतरफा मार पड़ रही है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में तबाही का भयानक मंजर देखने को मिल रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में ही 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लैंडस्लाइड में लोगों के घर तबाह हो गए हैं। कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई इमारतें और सड़कें भी ढह चुकी हैं। यहां तक कि बेहद पुराना और प्रसिद्ध कालका-शिमला रेलवे ट्रैक भी कुदरती आपदा की भेंट चढ़ चुका है। मसलन, जहां हिमाचल में कई जिंदगियां मौत की नींद सो जा रहीं हैं तो वहीं प्रदेश में माली नुकसान का स्तर बहुत गहरा है।
हिमाचल को 10 हजार करोड़ का नुकसान
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि, प्रदेश को अब तक करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। सीएम सुक्खू ने कहा कि, हमें राज्य के बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास में लगभग 1 साल का समय लगेगा। सीएम ने आपदा के इस समय में मदद की भावना रखने वाले संपन्न लोगों से अपील की है कि वह हिमाचल की सहायता के लिए जरूर आगे आएं और आपदा राहत कोष में सहयोग करें।
सीएम ने कहा कि, सरकार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद भी राहत-बचाव और विकास में कोई कमी नहीं रखेगी। हम सब मिलकर इस चुनौती पर विजय प्राप्त करेंगे और मजबूती से प्रदेश में पुनर्निर्माण करेंगे। सीएम ने कहा कि, हमारा प्रदेश एक कठिन समय से गुज़र रहा है और यह हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है। पिछले कुछ दिनों में हमे कभी न भूलने वाले जख्म मिले है। इस कठिन समय में प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है और सभी प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
सीएम सुक्खू ने कांगड़ा का हवाई सर्वेक्षण किया
हिमाचल के जिन हिस्सों में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। उनमें से एक कांगड़ा है। कांगड़ा में आलम यह है कि, यहां संभावित आपदा क्षेत्रों में रहने लोगों को निकाला जा रहा है। लोगों को रेस्क्यू करने के लिए आर्मी, एयरफ़ोर्स, एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ और पुलिस की टीम लगी हुई है। वहीं सीएम सुक्खू ने कांगड़ा का हवाई सर्वेक्षण किया है। सीएम ने बताया कि, पोंग बांध के पास और कांगड़ा के निचले इलाकों से 800 से अधिक लोगों को निकाला गया है। अभी भी लोग निकाले जा रहे हैं। बता दें कि, आर्मी, एयरफ़ोर्स और एनडीआरएफ़ हिमाचल के अन्य हिस्सों में भी मोर्चा संभाले हुए है। टीमों का जगह-जगह रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
शिमला दौरे पर भी पहुंचे सीएम सुक्खू
इस बार शिमला भी आपदा से कराह उठा है। शिमला के तमाम हिस्सों में लैंडस्लाइड की कई घटनाओं ने बहुत से लोगों की जान ले ली है। बीते सोमवार को शिमला के समर हिल में एक शिव मंदिर के पास लैंडस्लाइड की घटना हुई थी। पूरा पहाड़ अचानक भरभराकर शिव मंदिर और आसपास आकर गिर गया था। सोमवार से अब तक मलबे में से लोगों को ढूढ्ने का काम जारी है।
जानकारी के अनुसार, अब तक 12 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। शवों की संख्या आगे बढ़ सकती है। वहीं 15 अगस्त के दिन शिमला के कृष्णा नगर इलाके में एक और भयानक लैंडस्लाइड हुआ और तमाम घर मिट्टी में मिल गए। हालांकि, यहां बचाव इतना रहा कि इन घरों से लोग पहले ही निकाल लिए गए थे। दौरा करने पहुंचे सीएम सुक्खू ने बताया कि, प्रशासन ने भूस्खलन के डर से इन घरों में रहने वाले लोगों को सुबह ही यहाँ से हटा लिया गया था।
बिजली और जलापूर्ति बाधित
सीएम सुक्खू ने कहा कि, भारी बारिश और आपदा के चलते जो अवरूद्धता हिमाचल में पैदा हुई है। वह बहाली कार्यों में और तेजी लाकर दूर की जा रही है। सड़कों को बहाल किया जा रहा है। सीएम सुक्खू ने बताया कि, लैंडस्लाइड में पहाड़ गिरने के साथ 500 से अधिक पेड़ भी गिर गए हैं। पेड़ों को हटाया जा रहा है। वहीं विद्युत और जलापूर्ति परियोजना में पैदा हुई रुकावट भी दूर की जा रही है। ज़िला प्रशासन और पुलिस की टीमें युद्ध स्तर पर काम जारी रखे हुए हैं। वहीं साथ ही आर्मी, एयरफ़ोर्स, एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ के जवान भी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य रहे हैं।
हिमाचल में लैंडस्लाइड की घटनाएं क्यों बढ़ीं?
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, हिमाचल में जिस तरह से लैंडस्लाइड की घटनाएं इतनी ज्यादा बढ़ी हैं। इसका क्या कारण है? सरकार इसकी समीक्षा कर रही है। सुक्खू ने कहा कि, एक बार आपदा से शांति मिल जाए उसके बाद हिमाचल के सभी शहरों और गावों में भवन निर्माण, सीवरेज और पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।