राजमार्गों को बनाया जा रहा है और अधिक सुरक्षित : अजय टम्टा

राजमार्गों को बनाया जा रहा है और अधिक सुरक्षित : अजय टम्टा

Highways are being made more Secure

Highways are being made more Secure

- एनएचएआई और अमृता अस्पताल ने ‘सर सलामत तो घर सलामत’ अभियान के अंतर्गत व्यापक आपातकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Highways are being made more Secure: भारत ने विश्वस्तरीय सड़कों और राजमार्गों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे हमारे बुनियादी ढांचे और ज्यादा समृद्ध हुए हैं। भारत का रोड नेटवर्क आज विश्व में दूसरे स्थान पर है। यह बात भारत सरकार में माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल में आयोजित 'सर सलामत तो घर सलामत" कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर कही। कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने विश्व सिर पर चोट जागरूकता दिवस के अवसर पर अस्पताल के साथ एक दीर्घकालिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।

सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के माध्यम से 2047 के विकसित भारत में रोड नेटवर्क ऐसा हो कि जिस पर दुर्घटना की संभावना न के बराबर हो। हम उस विकसित भारत को बनाने के लिए समय समय पर सड़को का निरिक्षण कर उन ब्लैक स्पॉट का मुआयना कर उसको सुधरने का काम करते है जहां दुर्घटना होने की सम्भावना बन सकती हो।

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दुर्घटना के पहले घंटे में चिकित्सकीय सहायता मिल जाए, तो लगभग 50 फीसदी जानें बचाई जा सकती हैं

भारत वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली सर्वाधिक मृत्यु का साक्षी है, जहां प्रतिवर्ष लगभग 1.78 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इस चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने विश्व सिर पर चोट जागरूकता दिवस के अवसर पर अमृता अस्पताल, फरीदाबाद के साथ एक दीर्घकालिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।इस साझेदारी के अंतर्गत ‘सर सलामत तो घर सलामत’ नामक एक राष्ट्रव्यापी पॉली ट्रॉमा जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से एनएचएआई  के एम्बुलेंस स्टाफ, निजी एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं एवं हरियाणा पुलिस के गश्ती वाहनों को आपातकालीन प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित किया जाएगा।  इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के बाद त्वरित और प्रभावी प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना है, जिससे अमूल्य जीवनों की रक्षा की जा सके।

50 से अधिक एम्बुलेंस कर्मियों को दिया प्रशिक्षण

अभियान के तहत, 23 मार्च को अमृता अस्पताल में न्यूरो-एनेस्थीसिया एवं न्यूरोक्रिटिकल केयर के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. गौरव कक्कड़ द्वारा 50 से अधिक एम्बुलेंस कर्मियों को वास्तविक परिस्थितियों पर आधारित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। यह एक व्यापक प्रशिक्षण अभियान का आरंभिक चरण है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक तीन माह में नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर एक जागरूकता बाइक रैली का भी आयोजन किया गया। यह प्रयास भारत सरकार की स्टॉकहोम घोषणा के अंतर्गत वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी की कमी लाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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 एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी  दिल्ली मोहम्मद साफी ने कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे देश में कुल सड़क दुर्घटनाओं के 39.2 फीसदी के लिए उत्तरदायी हैं, जिनमें सर्वाधिक प्रभावित दोपहिया वाहन चालक हैं। इस चुनौती का समाधान तत्काल, कुशल और प्रशिक्षित आपातकालीन प्रतिक्रिया के माध्यम से ही संभव है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एम्बुलेंस कर्मियों को अत्याधुनिक ट्रॉमा देखभाल में प्रशिक्षित करेंगे, जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की जीवन रक्षा की संभावना बढ़ेगी।”

स्वामी विजयामृतानंद पुरी, अमृता अस्पताल, ने कहा, “सड़क सुरक्षा केवल अवसंरचना का विषय नहीं, बल्कि प्रत्येक जीवन को महत्व देने का दायित्व है। यदि दुर्घटना के पश्चात प्रथम घंटे में चिकित्सा मिल जाए, तो लगभग 50 फीसदी मौतों को रोका जा सकता है। ‘सर सलामत तो घर सलामत’ वार्षिक अभियान, राष्ट्रव्यापी स्तर पर सड़क सुरक्षा, आपातकालीन तैयारी और उत्तरदायी वाहन संचालन के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनेगा।

अमृता अस्पताल, फरीदाबाद के बारे में:

अमृता अस्पताल, फरीदाबाद, एक सामान्य चिकित्सालय नहीं, बल्कि एक समर्पित उपचार, करुणा और नवाचार का केंद्र है। 130 एकड़ में विस्तृत यह भारत का सबसे बड़ा निजी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल है। श्रीमाता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) की दृष्टि से प्रेरित यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे उसकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

अस्पताल में 2,600 बिस्तर हैं, जिनमें 534 आईसीयू बेड शामिल हैं, और यह देश की सर्वाधिक 81 चिकित्सा विशेषज्ञताओं में सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा यहां 64 उन्नत ऑपरेशन थिएटर एवं 10 अत्याधुनिक प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी बंकर हैं। यह अस्पताल केवल चिकित्सा सेवा नहीं बल्कि चिकित्सा शिक्षा का भी केंद्र है।