10 Services Online Including CCL: उच्चतर शिक्षा विभाग ने सीसीएल सहित 10 सेवाओं को किया ऑनलाइन
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10 Services Online Including CCL: उच्चतर शिक्षा विभाग ने सीसीएल सहित 10 सेवाओं को किया ऑनलाइन

10 Services Online Including CCL

10 Services Online Including CCL: उच्चतर शिक्षा विभाग ने सीसीएल सहित 10 सेवाओं को किया ऑनलाइन

प्रधान सचिव ने राजकीय कॉलेजों के प्रिंसिपल को जारी किया पत्र
एसोसिएशन की मांग, हर सेवा की तय समय सीमा

चंडीगढ़। 10 Services Online Including CCL: हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) सहित 10 तरह की सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की तरफ से शुक्रवार को सभी राजकीय कॉलेजों के प्रिंसिपल को पत्र भी जारी कर दिया है। अब मंगलवार से कॉलेजों में कार्यरत असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों को इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए विभाग के एमआईएस पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जिस पर के बाद संबंधित शिक्षक को उस सेवा का लाभ मिल पाएगा। 
दूसरी तरफ हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अमित चौधरी ने सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताते हुए सेवाओं को समयबद्ध करने की मांग की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हालही में उच्चतर शिक्षा विभाग की बैठक में इन सेवाओं को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए चाइल्ड केयर लीव, मातृत्व अवकाश, गर्भपात अवकाश, पितृत्व अवकाश, अतिरिक्त साधारण अवकाश, पासपोर्ट के लिए एनओसी, विदेश भ्रमण के लिए एनओसी, संपत्ति की खरीदो-फरोख्त के लिए एनओसी, घर और वाहन लोन के लिए एनओसी, यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति की अनुमति आदि की सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। 
विभाग द्वारा ऑनलाइन की गई इन दस सेवाओं में से कोई भी प्राध्यापक किसी भी सेवा के लिए एमआईएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करेगा। जिस पर सबसे पहले कॉलेज का प्रिंसिपल अपनी सहमति देगा या उसे खारिज करेगा। प्रिंसिपल की सहमति के बाद उस आवेदन को संबंधित ब्रांच में भेजा जाएगा। फिर वहां से वह ब्रांच के उप निदेशक या संयुक्त निदेशक के पास जाएगी। इन सभी चैनलों से मंजूरी के बाद उस आवेदन को पोर्टल के जरिए उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक के पास भेजा जाएगा। अंत में उस आवेदन पर विभाग के एसीएस या पीएस की अंतिम मोहर लगेगी।
हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी के अनुसार यह एसोसिएशन की पुरानी मांग थी। क्योंकि व्यवहारिक रूप से दफ्तरी बाबू इस प्रक्रिया को पूरा करने में लंबा समय लगाते थे। जब तक सक्षम अधिकारियों के स्तर पर आवेदन के निपटान की समय सीमा तय नहीं होती, तब तक ऑनलाइन आवेदन भी किसी न किसी स्तर पर पहले की तरह लंबित ही रहेंगे। इसके अलावा किसी भी तरह के आवेदन को मंजूर या न मंजूर करते हुए उसका कारण दिया जाए।