Haryana : स्कूल में नहीं बुनियादी सुविधाएं, हाईकोर्ट पहुंचे स्कूली बच्चे, हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को लगाई फटकार, मुख्य सचिव को नोटिस
- By Krishna --
- Tuesday, 21 Mar, 2023
High court reprimanded the education department
High court reprimanded the education department: चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जस्टिस विनोद भारद्वाज ने हरियाणा में शिक्षा बजट के अपर्याप्त इस्तेमाल का संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को कोर्ट में पेश होकर एफिडेविट के माध्यम से चार सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। मामला कैथल जिले के गांव बालू का है, जहां याचिकाकर्ता अमरजीत व अन्य छात्रों ने अपने वकील प्रदीप कुमार रापडिगा के माध्यम से हाईकोर्ट को वर्ष 2017 में अपने गांव के सरकारी स्कूल की खस्ता हालत से अवगत करवाया।
स्कूलों में अपर्याप्त मात्रा में अध्यापक
याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट के संज्ञान में स्कूल में बुनियादी सुविधाएं की कमी जैसे अप्रयाप्त मात्रा में अध्यापक, क्लास रूम, बेंच, पीने का पानी इत्यादि लाई गई। पिछली सुनवाई के आदेशों की पालना में हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने अपने जवाबी एफिडेविट के माध्यम से हाईकोर्ट को जो आंकड़े पेश किए, उसे हाईकोर्ट ने चौंका देने वाला कहा है।
शिक्षा विभाग ने छात्रों की बुनियादी जरूरतों की तरफ आंखें मूंद रखी
एफिडेविट के मुताबिक हरियाणा सरकार पिछले 10 सालों से केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए शिक्षा सम्बंधित ग्रांट का इस्तेमाल नहीं कर पाई है। इसी तरह राज्य सरकार के बजट को पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने अपने आर्डर में कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग ने छात्रों की बुनियादी जरूरतों की तरफ आंखें मूंद रखी है। आर्डर में कहा है कि हरियाणा शिक्षा विभाग केंद्र सरकार द्वारा जारी 1176.38 करोड़ रुपये की ग्रांट और 13,420.97 करोड़ रुपये के बजट को इस्तेमाल नहीं कर पाया है। ऐसे में छोटे बच्चों को बुनियादी सुविधाओं के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बजट का पूरा इस्तेमाल शिक्षा पर न कर पाना शिक्षा विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता व अयोग्यता को दर्शाता है और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होनी चाहिए। सख्त रुख इख्तियार करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के निदेशक को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर एफिडेविट के माध्यम से शिक्षा बजट की विस्तार से सालाना डिटेल 4 सप्ताह के अंदर देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
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