सावधान! अब किसी की कॉल रिकॉर्ड करना दे सकता है आपको बड़ी मुसीबत, जानिए हाई कोर्ट ने क्या दिए है आदेश...
- By Sheena --
- Sunday, 15 Oct, 2023
High Court Decision on Call Recording Right To Privacy
High Court Decision on Call Recording: क्या आप फ़ोन कॉल रिकॉर्ड नहीं करते? ये आदत आपको मुसीबत में डाल सकती है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी बातचीत रिकॉर्ड करना 'निजता के अधिकार' का उल्लंघन है। हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पांडे ने कहा कि संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी बातचीत रिकॉर्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
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क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट गुजारा भत्ते से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस मामले में फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर पेश करने की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। दरअसल, याचिकाकर्ता (पत्नी) ने साल 2019 में फैमिली कोर्ट में अपने पति से गुजारा भत्ता के लिए अर्जी दाखिल की और इससे जुड़े सभी सबूत कोर्ट में पेश किए।
दूसरी ओर, प्रतिवादी (पति) ने याचिकाकर्ता (पत्नी) के चरित्र पर संदेह के आधार पर गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि याचिकाकर्ता की बातचीत उसके मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड की गई थी। प्रतिवादी (पति) उक्त बातचीत के आधार पर अदालत के समक्ष उससे पूछताछ करना चाहता है। फैमिली कोर्ट ने उक्त आवेदन स्वीकार कर लिया।
फैमिली कोर्ट के इस आदेश के बाद महिला ने 21 अक्टूबर 2021 को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फोन रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर पेश करने के आदेश को रद्द करने की मांग की। महिला ने दलील दी कि यह उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे की एकल पीठ ने 21 अक्टूबर, 2021 को आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी बातचीत रिकॉर्ड करना कानून का उल्लंघन है।