बड़ा हादसा: ई-रिक्शा की चार्ज हो रही बैटरी में ज़बरदस्त विस्फोट, घर में मौजूद महिला और दो बच्चों की मौत
Lucknow E-Rickshaw Blast
Lucknow E-Rickshaw Blast: लखनऊ के बीबीडी के जुग्गौर स्थित निवाजपुरवा में ई-रिक्शा की बैटरी तेज धमाके के साथ फटने से मां रोली (25), बेटे कुंज (3) और भतीजी रिया (9) की मौत हो गई। हादसा गुरुवार सुबह चार बजे हुआ। बैटरी के फटने से कमरे में सो रहे परिवार के पांच लोगों पर तेजाब पड़ गया। जिसके कारण सभी गंभीर रूप से झुलस गए। दो मासूमों में दो साल के समर व सात साल की प्रिया की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं बचाने में एक लड़का अंकित भी झुलसा है। हालांकि उसे अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। वहीं परिवारीजन पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए बाराबंकी लेकर चले गए।
मूलरूप से बाराबंकी के गोसाइनपुरवा मोहम्मदपुर खाला निवासी अंकित बीबीडी इलाके के निवाजपुरवा, जुग्गौर में परिवार सहित रहता है। अंकित पेशे से ई-रिक्शा चलाता है। अंकित के भाई अंशु के मुताबिक, गोंडा में रिश्तेदारी में एक शादी समारोह का आयोजन था। जिसमें शामिल होने उसे जाना था। वह बाराबंकी से अपने परिवार के साथ लखनऊ आया। भाई अंकित के पास उसने अपनी दोनों बेटियों रिया और प्रिया को छोड़ दिया। इसके बाद बेटे युवराज व पत्नी रेखा के साथ नौ मई को गोंडा चला गया। गुरुवार को उसे हादसे की सूचना मिली। अंशु ने बताया कि अंकित के परिवार में पत्नी रोली, दो बेटे कुंज व समर हैं।
सुबह चार बजे तेज धमाके के साथ फटी बैटरी (Battery exploded with a loud bang at four in the morning)
अंशु के मुताबिक, अंकित बुधवार रात को ई-रिक्शा लेकर घर पहुंचा। वह ई-रिक्शे के लिए दो बैटरियां ले रखी है। एक पहले से ही कमरे में था। दूसरी बुधवार रात को पहुंचने के बाद ई-रिक्शे से निकालकर कमरे में रख दिया। बृहस्पतिवार सुबह चार बजे अंकित जगा और बाथरुम चला गया। इतनी देर में तेज धमाका हुआ। वह भागकर कमरे में पहुंचा तो वहां सो रहे सभी परिजन तड़प रहे थे। दोनों बैटरियां फट गई थी। आननफानन वह सभी को लेकर चिनहट स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां रोली, रिया और कुंज ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने समर व प्रिया की हालत गंभीर बताई, वहीं अंकित को खतरे से बाहर बताया है।
मासूमों को तड़पता देख चीखा पिता (Father screamed seeing innocents suffering)
अंकित जब कमरे में पहुंचा तो वहां का मंजर देख वह चीख पड़ा। मासूम तेजाब से झुलसे चीख रहे थे। पत्नी भी बचाने के लिए पुकार रही थी। अंकित को कुछ देर तक यह समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करे। वह अपने बेटों व भतीजियों की हालत देख चीखने लगा। आसपास के लोगों ने बताया कि अचानक सुबह के समय चीखपुकार सुनकर सभी की नींद खुल गई। सभी अंकित की घर की तरफ भागे। वहां कमरे की हालत देखकर सभी की आंखों में आंसू आ गया।
ओवर चार्जिंग के कारण हादसा (accident due to over charging)
प्रभारी निरीक्षक बीबीडी विनय कुमार सरोज के मुताबिक हादसे की सूचना मिलने पर टीम ने पड़ताल की। शुरूआती पड़ताल में सामने आया कि दोनों बैटरियों को चार्जिंग के लिए लगाया गया। जरूरत से अधिक चार्जिंग के कारण हादसा हुआ। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
दो दिन में इलाज में खर्च हो गए चार लाख (Four lakhs were spent in treatment in two days)
अंशु के मुताबिक हादसे की सूचना मिलने पर जब वह पहुंचा तो चार मासूमों व भाई की पत्नी की हालत देखकर कलेजा फट गया। इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। लगातार रुपये की जरुरतों ने तोड़ दिया। दो दिन में उसे छह लोगों के इलाज के लिए चार लाख रुपये खर्च करने पड़े। अंशु को इलाज में रुपये खर्च होने से ज्यादा मासूम बच्चों को न बचा पाने का दर्द साफ दिख रहा था। वहीं दो मासूम बच्चों प्रिया व समर की हालत गंभीर बनी हुई है। उनका इलाज चल रहा है।
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