ज्ञानवापी पर सुनवाई टली, हिंदू पक्ष ने देखें क्या रखी मांगें
- By Vinod --
- Wednesday, 18 May, 2022
Hearing on Gyanvapi postponed, see what demands were placed by the Hindu side
वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। अब कल यानी गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। उधर, हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन बुधवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा, ‘जहां शिवलिंग मिला है उसके नीचे तहखाने का सर्वे कराया जाना चाहिए। सामने की दीवार को साफ करके अच्छे तरीके से वीडियोग्राफी होनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारे इस प्रार्थना पत्र पर तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाएगी।’
बता दें कि सोमवार को हरिशंकर जैन की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हो गए थे। बुधवार को उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ।
वहीं, हिंदू पक्ष के दूसरे वकील विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को दूसरा पक्ष फव्वारा कह रहा है। अगर ऐसा है तो वह फव्वारा चलाकर दिखा दें। फव्वारा है तो वहां वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम भी होगा। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को जांच में ऐतराज क्यों है? उन्होंने यह भी दावा किया कि नंदी महाराज के सामने से व्यासजी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। अदालत से वहां खुदाई कराने की मांग की गई है। विष्णु जैन ने यह भी कहा कि माहौल अच्छा बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ एक पक्ष की नहीं है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वादी पक्ष से एक और प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमें हिंदू पक्ष ने मांग की है कि कोर्ट द्वारा कार्यमुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को कमीशन रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग के लिए कहा जाए। इसकी वजह है कि 6 और 7 मई को ज्ञानवापी के सर्वे की कार्रवाई उन्हीं के द्वारा सम्पन्न की गई थी। अजय कुमार मिश्रा का सहयोग लिए बगैर रिपोर्ट अधूरी रहेगी।
हिंदू पक्ष यानी मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराने सहित 4 पॉइंट्स पर एप्लिकेशन दी गई है। हालांकि, वकीलों की हड़ताल के चलते अब तक इस पर सुनवाई नहीं हो पाई है।
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे मामले में आज सुनवाई से पहले ही वकील हड़ताल पर चले गए। उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल की ओर से राज्य के सभी डीएम को एक पत्र भेजा गया है। वकीलों का आरोप है- पत्र में विशेष सचिव ने जैसा लिखा है, उससे लगता है कि उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। वकीलों ने विशेष सचिव का लेटर जलाकर नारेबाजी की।
अब विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने प्रदेश के सभी डीएम को एक और लेटर जारी किया है। जिसमें उन्होंने अपने 14 मई के पत्र को निरस्त करने की बात कही है। उधर, कोर्ट में वादी पक्ष ने एप्लिकेशन देकर अजय कुमार मिश्रा को कमीशन रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग की मांग की है।
आज दो एप्लिकेशन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में सात पॉइंट्स पर सुनवाई होनी है। इसी बीच ‘द बनारस बार एसोसिएशन’ और ‘द सेंट्रल बार एसोसिएशन’ के वकील प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली एप्लिकेशन यूपी सरकार यानी डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय की है। दूसरा प्रार्थना पत्र हिंदू पक्ष, यानी मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक का है।