जिनवाणी श्रवण से मिलता है आत्मसुख:- विराटसागरजी

जिनवाणी श्रवण से मिलता है आत्मसुख:- विराटसागरजी

Viratsagarji

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जीवन में अपेक्षित परिवर्तन ही चातुर्मास का सार:- नीतिगुणाश्री 

अचलगच्छ संघ में साध्वीवृन्द का हुआ भव्य मंगल प्रवेश

बाड़मेर। 30.06.2023 । चातुर्मास के निकट आते ही अलग-अलग स्थानों पर साधु-साध्वी भगवन्तों का आगमन-प्रवेश का दौर चल रहा है । जिस कड़ी में धर्मनगरी बाड़मेर की पावन धरा पर अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर में अचलगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्यश्री कलाप्रभसागर सूरीश्वरजी मसा की आज्ञानुवर्ती एवं परम पूज्य साध्वी मुख्या निरंजनाश्रीजी की सुशिष्या, सरल स्वभावी साध्वीश्री नीतिगुणाश्रीजी मसा, साध्वीश्री विनयगुणाश्रीजी मसा एवं साध्वीश्री हेतगुणाश्रीजी मसा आदि ठाणा-3 का भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश मुनिराज श्री विराटसागरजी मसा आदि ठाणा की पावन निश्रा एवं चतुर्विघ संघ की उपस्थिति तथा गाजे-बाजे ढ़ोल-ढ़माकों के साथ हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ । 

शोभायात्रा संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि साध्वीवृन्द के थार नगरी बाड़मेर में चातुर्मास मंगल प्रवेश पर भव्य शोभायात्रा शुक्रवार को जैन भोजनशाला स्टेशन रोड़ से हर्षाेल्लास व गाजे-बाजे के साथ प्रारम्भ हुई । चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गाें स्टेशन रोड़, गांधी चौक, चन्द्रप्रभ जिनालय, पुरानी सब्जी मण्डी, जवाहर चौक, छोटी ढ़ाणी, तेरापंथ भवन मार्ग, प्रतापजी की प्रोल, जैन न्याति नोहर से होते हुए श्री गुणसागर सूरि साधना भवन पहुंची। जहां पर साधु-साध्वी भगवन्तों के मंगल प्रवचन एवं धर्मसभा का आयोजन हुआ । 

संघ के सचिव दिनेश बोहरा ने बताया कि साधना भवन में आयोजित धर्मसभा का आगाज गुरू-भगवन्तों को सामूहिक गुरूवन्दन से एवं परमात्मा स्मरण से हुआ । तत्पश्चात अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के अध्यक्ष गुलाबचन्द वडेरा ने चातुमार्सिक साधु-साध्वी भगवन्तों को अभिवन्दन करते हुए समाज बन्धुओं का स्वागत किया तथा चातुर्मास की आराधना-साधना से जुड़ने का आह्वान किया । श्री चिन्तामणि पार्श्व बहु मण्डल की ओर से अनिता सिंघवीं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम में सोनू वडेरा व जागृति वडेरा ने बहुत ही सुन्दर व शानदार लय के साथ स्वागत गीतिका व भक्ति भजनों की प्रस्तुति दी । धर्मसभा में अचलगच्छ जैन युवक परिषद, बाड़मेर के पूर्व अध्यक्ष मुकेश बोहरा अमन, जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के महामंत्री किशनलाल वडेरा, रिखबदास मालू, डॉ. बंशीधर तातेड़, मदन बोहरा पटवारी, खेतमल वडेरा, महेश बोहरा पाली सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे । तथा श्री गुणसागर सूरि ज्ञान पाठशाला की बालिकाओं ने बहुत ही सुन्दर भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी ।

धर्मसभा में मुनिराज श्री विराटसागरजी मसा ने कहा कि चातुर्मास काल का सदुपयोग करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अपने जीवन में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण करें तथा बाहरी सुख की बजाया आत्मसुख पर चिन्तन करे । मुनिराज ने कहा कि जिनवाणी श्रवण से ही आत्मसुख व आनन्द की प्राप्ति होती है। मुनिराज ने सभी भाईयों व बहिनों से कहा कि आप चातुर्मास में अधिक से अधिक आराधना-साधना करें । हम सबको अपने अन्तः का विकास करना है । 

सरल स्वभावी साध्वीश्री नीतिगुणाश्रीजी मसा ने मंगल प्रवचन में कहा कि हमें इस चातुर्मास में अपने भाव-प्रदेश में लौटना है अर्थात् संसार की भाग-दौड़ को दूर करते हुए आत्मा की ओर, अन्तः की ओर आना है । हमें अधिक से अधिक समय का लाभ लेते हुए गुरू-भगवन्तों की शरण लेनी है । जीवन में अपेक्षित परिवर्तन ही चातुर्मास की सार्थकता है । 

संघ के कोषाध्यक्ष महेश सिंघवीं ने बताया कि धर्मसभा में मुम्बई, सूरत, पाली, बालोतरा आदि स्थानों व संघों से पधारे पदाधिकारियों व साधर्मिक बन्धुओं का संघ की ओर से बहुमान-अभिनन्दन किया गया । वहीं गुरूपूजन सहित अन्य चढ़ावों के लाभार्थी परिवारों का तिलक, माला, दुपट्टा, श्रीफल आदि से बहुमान किया गया । शोभायात्रा का संचालन मुकेश बोहरा अमन एवं मंच संचालन कैलाश बाबू जैन ने किया । साध्वी भगवन्तों के बाड़मेर नगर मंगल प्रवेश में बड़ी संख्या में जैन समाज के गणमान्य नागरिक, माताएं-बहिनें उपस्थित रही । वहीं साध्वीवृन्द के प्रवेश पर संघ की ओर से आयंबिल तप की आराधना करवाई गई । 

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