Free Announcements in Elections: चुनाव में मुफ्त घोषणाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, अदालत ने माना है इसे गंभीर समस्‍या

Free Announcements in Elections: चुनाव में मुफ्त घोषणाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, अदालत ने माना है इसे गंभीर समस्‍या

Free Announcements in Elections

Free Announcements in Elections: चुनाव में मुफ्त घोषणाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, अदालत ने मा

Free Announcements in Elections: देश की सर्वोच्च अदालत में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों(Political parties) की ओर से की जाने वाली मुफ्त योजनाओं(free plans) पर एक बार फिर सोमवार को सुनवाई होना है। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह परिभाषित करना होगा कि फ्रीबी क्या है? साथ ही जनता के पैसे को कैसे खर्च किया जाए, हम इसका परीक्षण करेंगे। दरअसल इस सवाल पर विभिन्‍न पार्टियों का मत अलग-अलग है।

पिछली सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने इसे गंभीर समस्या माना था। साथ ही सरकार को एक समिति गठित करने का सुझाव दिया था। इस समिति में रिजर्व बैंक, नीति आयोग और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की बात कही गई थी।

राजनीतिक दल को वादा करने से रोक नहीं सकते- SC

कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक दल या व्यक्ति को सत्ता में आने पर संवैधानिक जनादेश पूरा करने के मकसद से किया गया वादा करने से रोका नहीं जा सकता है।

हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि, अब इस सवाल का जवाब ढूंढना है कि वास्तव में वैध वादा क्या है? क्या हम छोटे और सीमांत किसानों को बिजली, बीजों और उर्वरकों पर सब्सिडी के वादे को मुफ्त की रेवडि़यां कह सकते हैं

सॉलिसिटर जनरल ने भी दिया कमेटी का प्रस्ताव

पिछली सुनवाई के दौरान सीजेई की ओर से कमेट के सुझाव के बाद सॉलिसिटर जनरल की ओर से कमेटी बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया था। सॉलिसिटीर जनरल ने कहा कि, हम एक कमेटी का प्रस्ताव करते हैं। इसमें सचिव केंद्र सरकार, सचिव राज्य सरकार, प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, नीति आयोग के प्रतिनिधि, आरबीआई, वित्त आयोग, राष्ट्रीय करदाता संघ शामिल किए जा सकते हैं।