Health insurance exposes shocking figures claims worth 120,000 but payouts much lower

HEALTH INSURANCE का बड़ा खेल: 1.2 लाख करोड़ के क्लेम, लेकिन सेटल हुए सिर्फ 83 हजार करोड़!

Health insurance exposes shocking figures claims worth 120,000 but payouts much lower

Health insurance exposes shocking figures claims worth 120,000 but payouts much lower

Health Insurance क्यों है जरूरी?

आज के समय में स्वास्थ्य बीमा हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है। अचानक बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी के दौरान फाइनेंशियल संकट से बचाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बेहद महत्वपूर्ण है। यह मरीजों के इलाज का आर्थिक बोझ कम करता है। लेकिन, इसके लिए पॉलिसीधारकों को premium देना पड़ता है। 

1.2 लाख करोड़ रुपये के claim में 83,483 करोड़ रुपये ही किए गए settle

इंश्योरेंस रेगुलेटर एंड डेवलप्मेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने हाल ही में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स और प्रीमियम का पूरा डेटा जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये के क्लेम दर्ज हुए, जबकि कंपनियों ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का प्रीमियम वसूला। इनमें से सिर्फ 83,483 करोड़ रुपये के क्लेम ही सेटल किए गए हैं।  

Claim Rejection के पीछे की वजहें

करीब 15,000 करोड़ रुपये के क्लेम इसलिए खारिज कर दिए गए क्योंकि ये पॉलिसी की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे थे। वहीं, 11,000 करोड़ रुपये के क्लेम दस्तावेजों की जांच के बाद रिजेक्ट किए गए।  

3 करोड़ Claim में से 2.7 करोड़ का हुआ निपटारा

IRDAI के अनुसार, 2024 में कुल 3 करोड़ हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम दर्ज किए गए। इनमें से 2.7 करोड़ क्लेम settle हुए हैं। Public Sector की कंपनियों ने क्लेम सेटलमेंट में सबसे ज्यादा भरोसा कायम किया है।  

34 हजार शिकायतें पहुंचीं ओम्बड्समैन के पास  

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ओम्बड्समैन के पास हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी 34,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसमें मुख्य रूप से क्लेम रिजेक्शन और प्रीमियम संबंधी विवाद शामिल हैं।  

क्या करें ताकि क्लेम न हो रिजेक्ट?  

1. पॉलिसी शर्तों को ध्यान से पढ़ें: अपनी पॉलिसी की शर्तों को पूरी तरह समझें।  

2. दस्तावेज समय पर जमा करें: क्लेम के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज (documents) जमा करें।

3. असली जानकारी दें: इंश्योरेंस आवेदन में सही और पूरी जानकारी दें।  

4. सही कंपनी का चुनाव करें: पब्लिक सेक्टर की कंपनियां आमतौर पर क्लेम सेटलमेंट में ज्यादा भरोसेमंद होती हैं।  

IRDAI के इस डेटा से यह स्पष्ट हो गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस के क्लेम को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है।