पीएम मोदी के कुवैत जाने से होगा फ़ायदा, कुवैत चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रमुख ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की घोषणा की
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की यात्रा करने वालें हैं यह 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली राज्य की यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार सितंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्रीय महासभा के दौरान कुवैत के क्राउन प्रिंस से मुलाकात की थी लेकिन अब इस बार कुवैत जाने के पीछे मकसद केवल मुलाकात नहीं है बल्कि व्यापारिक समझौते हैं। तो चलिए थोड़े विस्तार से समझते हैं कि कुवैत और भारत को इस व्यापारिक समझौते से क्या फायदा होगा?
कुवैत के साथ बढ़ेगा व्यापारिक संबंध
कुवैत भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है। कुवैत चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री के महानिदेशक रबाह अल रबाह ने कुवैत खाड़ी सहयोग परिषद और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है। अल रबाह ने इस बात पर ज़ोर दिया है, कि इस तरह के समझौते से व्यापार को काफी बढ़ावा मिल सकता है, और दोनों क्षेत्रों के भौगोलिक लाभों का लाभ उठाते हुए एक बड़ा गतिशील व्यापार क्षेत्र बनाया जा सकता है। अल रबाह ने मुक्त व्यापार समझौते का आवाज ऐसे समय में किया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत के ऐतिहासिक यात्रा करने वाले हैं।
क्यों है कुवैत के लिए भारत महत्वपूर्ण
1.4 बिलियन की आबादी वाला और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण भारत कुवैत के लिए एक काफी महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बना है। वित्त वर्ष 24 में दोनों देशों के बीच व्यापार का मूल्य 10 बिलियन डॉलर से अधिक था। अल रबाह का मानना है, कि भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा का समय इन संबंधों को मजबूत करने के लिए आदर्श है। उन्होंने उत्तर में कुवैत के नव विकसित मुबारक बंदरगाह के भारत द्वारा संभावित उपयोग के महत्व को भी नोट किया जो चीनी कंपनियों के सहयोग से एक मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजना है। उन्होंने कहा कि यह बंदरगाह जो व्यापार के लिए एक मुख्य केंद्र है भारत के लिए यूरोप और मध्य पूर्व के साथ अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए एक रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में काम कर सकता है।