टोही उपग्रह के लिए कैमरों की जांच की है: उत्तर कोरिया
टोही उपग्रह के लिए कैमरों की जांच की है: उत्तर कोरिया
सियोल। उत्तर कोरिया जासूसी उपग्रह लांच करने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए उसने कैमरों का परीक्षण किया है। ये कैमरे इस जासूसी सेटेलाइट में लगाए जाएंगे। उत्तर कोरिया के इस कदम से जाहिर होता है कि वह अपने हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहा है और जल्द ही लंबी दूरी के राकेट का परीक्षण कर सकता है। उस पर इस तरह के परीक्षण करने पर प्रतिबंध है।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने बताया कि रविवार को किए गए परीक्षण में जासूसी उपग्रह के लिए कैमरे शामिल थे। इन कैमरों से पृथ्वी के एक खास क्षेत्र की खड़ी और तिरछी तस्वीरें ली जा सकती हैं। कई बार की विफलता के बाद उत्तर कोरिया वर्ष 2012 में अपना पहला उपग्रह कक्षा तक पहुंचाने में कामयाब हुआ। दूसरा उपग्रह 2016 में पहुंचा। उत्तर कोरिया इन दोनों उपग्रहों को निगरानी उपग्रह बताता है।
समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक अभी एक दिन पहले रविवार को ही उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। परमाणु हथियार से लैस देश ने जनवरी में कई परीक्षण किए और उसके बाद यह पहला परीक्षण है। अमेरिकी सेना के ¨हद-प्रशांत कमान ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की निंदा की है। वाशिंगटन ने प्योंगयांग से उथल-पुथल वाली गतिविधियों से बाज आने को कहा है।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने सुनान के समीप स्थित जगह से अपने पूर्वी तट की ओर बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। सुनान में स्थित प्योंगयांग का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मिसाइल परीक्षण स्थल है। यहीं से 16 जनवरी को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई थी। उत्तर कोरिया ने 30 जनवरी को अंतिम परीक्षण किया था। प्योंगयांग ने उस समय ह्वासोंग-12 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशि ने टेलीविजन पर कहा, 'नया साल शुरू होते ही मिसाइल परीक्षण का सिलसिला शुरू हुआ। उत्तर कोरिया बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का तेजी से विकास जारी रखे हुए है।' उत्तर कोरिया क्षेत्र, जापान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहा है।