एचएयू द्वारा इस साल कृषि मेले का आयोजन न किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और किसान विरोधी फैसला है: अभय सिंह चौटाला

एचएयू द्वारा इस साल कृषि मेले का आयोजन न किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और किसान विरोधी फैसला है: अभय सिंह चौटाला

Shameful and Anti-Farmer Decision

Shameful and Anti-Farmer Decision

कहा - अबकी बार भी इस साल हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन द्वारा किसान मेले के लिए, दिनांक 13-14 सितंबर 2023, तारीख अधिसूचित की गई थी

तय तारीख पर किसान मेले का आयोजन नहीं किया गया और न ही किसान मेले के आयोजन की आगे की कोई तारीख दी गई

कृषि मेले का आयोजन न होने से लाखों किसान नई उन्नत किस्मों के बीज प्राप्त करने व नई कृषि तकनीक सीखने से वंचित हो जाएंगे

चंडीगढ़, 14 सितंबर। Shameful and Anti-Farmer Decision: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार किसानों को पूरी तरह से तबाह करने पर तुली है। आज भाजपा गठबंधन सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण अन्नदाता कर्जदार हो गया है और सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद न मिलने के कारण बर्बादी के कगार पर खड़ा है। बाढ़ और सूखे की मार के कारण खराब हुई फसल ने किसानों को बहुत नुकसान पहुंचाया है लेकिन भाजपा सरकार ने बजाय किसानों को आर्थिक मदद करने के उसे हर तरफ से प्रताड़ित करने का काम किया है। 

इसी कड़ी में किसानों को बर्बाद करने का एक और कार्य किया जा रहा है। हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय जो पिछले कई दशकों से हर साल सितंबर माह में किसान मेले का आयोजन करता आया है। अबकी बार भी इस साल हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन द्वारा किसान मेले के लिए, दिनांक 13-14 सितंबर 2023, तारीख अधिसूचित की गई थी। लेकिन न तो तय तारीख पर किसान मेले का आयोजन किया गया और न ही किसान मेले के आयोजन की आगे की कोई तारीख दी गई।  कृषि मेले से किसानों को बहुत फायदा मिलता है। कृषि मेले में जाकर किसान नई-नई तकनीक की जानकारी लेता है, ज्यादा उपज देने वाले नई किस्मों के बीज खरीदता है, कौन सी कीड़े मार दवाइयां किस समय और कितनी मात्रा में डालनी चाहिए उसकी जानकारी समेत कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करता है। लेकिन इस कृषि मेले का आयोजन न होने से लाखों किसान नई उन्नत किस्मों के बीज प्राप्त करने व नई कृषि तकनीक सीखने से वंचित हो जाएंगे।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसान मेले का आयोजन न किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और किसान विरोधी फैसला है और जनहित में इस पूरे मामले की उचित जांच की आवश्यकता है कि एसोसिएट डायरेक्टर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन द्वारा किसान मेले के लिए पहले से अधिसूचित की गई तारीख, दिनांक 13-14 सितंबर 2023, को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के प्रशासन ने किसान मेले का आयोजन क्यों नहीं किया गया, जिसके कारण बड़ी संख्या में हरियाणा और पड़ोसी राज्यों के किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।

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