गणतंत्र दिवस पर गीता के संदेश से रूबरू करवाएगी हरियाणा की झांकी
Message of Gita on Republic Day
‘अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव’ का होगा थीम
झांकी के माध्यम से होंगे भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन
चंडीगढ़, 22 जनवरी। Message of Gita on Republic Day: गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी(Tableau of Haryana) के माध्यम से पूरी दुनिया श्रीमद्भगवद्गीता के शाश्वत संदेश से रू-ब-रू होगी। इस वर्ष कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए लगातार दूसरी बार हरियाणा की झांकी का चयन रक्षा मंत्रालय की विषेशज्ञ कमेटी द्वारा किया गया है जिसका थीम है,‘अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव’। इस झांकी के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के भी दर्शन होंगे।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ.अमित अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू की जाती है, जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपने-अपने थीम की प्रस्तुति देते हैं। विशेषज्ञ कमेटी द्वारा थीम की प्रासंगिकता व उपादेयता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से झांकियों का चयन किया जाता है।
कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक / Kurukshetra is one of the oldest pilgrimage sites in the world
उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहां पवित्र नदी सरस्वती के तट पर वेदों और पुराणों की रचना हुई। लगभग 5159 वर्ष पहले महाभारत युद्ध के पहले दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का शाश्वत संदेश दिया, इसलिए कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्म स्थल के रूप में होती है।
डॉ.अग्रवाल ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झांकी पर प्रस्तुत गीता का संदेश मानवजाति के लिए सबसे बड़ी बौद्धिक देन है। कर्म का यह शाश्वत संदेश पुरी मानवता के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि झांकी में भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है। झांकी की पहली झलक आध्यात्मिकता, कला और इतिहास के दर्शन कराती है।
भगवान श्रीकृष्ण के ‘विराट स्वरूप‘ के दर्शन / Darshan of 'Viraat Swaroop' of Lord Krishna
ट्रैक्टर खंड की शुरुआत में भगवान श्रीकृष्ण के ‘विराट स्वरूप‘ के दर्शन होते हैं, जैसा कि युद्ध भूमि पर उन्होंने अर्जुन के सामने प्रदर्शित किया था। विराट स्वरूप की प्रदर्शित प्रतिमा में श्री विष्णु के नौ सिर क्रमश:अग्नि, नृसिंह, गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, हनुमान और परशुराम दिखाए गए हैं। दिव्य सर्प सिर ढके हुए हैं। श्री विष्णु दाहिने हाथ में तलवार, त्रिशूल, कमल, सुदर्शन चक्र और बाएं हाथ में शंख, बरछा, धनुष, नाग, गदा आदि लिए हुए हैं। नीचे का पूरा भाग शेषनाग व लहरों को गोलाकार आकार दिया गया है।
ट्रेलर अनुभाग में पीछे की ओर कुरुक्षेत्र युद्ध क्षेत्र में चार घोड़ों के साथ एक भव्य रथ बनाया गया है। रथ, घोड़ों और सभी तत्वों को गहन विवरण के साथ दर्शाया गया है। अर्जुन और श्रीकृष्ण के रथ पर सवार मूर्तियों को रंगीन बनाया गया है, जबकि ट्रेलर के बाकी हिस्से को एक ही पार्थिव छाया में बनाया गया है। झांकी में घोड़ों से लेकर रथ तक और यहां तक कि जमीन की धूल भी, हर एक विवरण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ट्रेलर के किनारों पर बना पैटर्न महाभारत युद्ध के विभिन्न दृश्यों को दर्शाता है।
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