लिंगानुपात में कमी के लिए जिम्मेदार होंगे एसएमओ व एमओ

SMO and MO will be responsible for the decrease in sex ratio

SMO and MO will be responsible for the decrease in sex ratio

SMO and MO will be responsible for the decrease in sex ratio- चंडीगढ़। हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर फिर से हरियाणा की किरकिरी होने लगी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने अब अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है।

पंचकूला में प्रदेश भर के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ.कुलदीप सिंह ने कहा है कि जिस भी क्षेत्र में लिंगानुपात में कमी आएगी उसके लिए संबंधित क्षेत्र का एसएमओ तथा एमओ जिम्मेदार होगा और उसके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

एक दिवसीय बैठक में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं तथा राज्य टास्क फोर्स के संयोजक डॉ.वीरेंद्र यादव उपस्थित थे। बैठक में पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम, एआरटी तथा सरोगेसी अधिनियम के जिला नोडल अधिकारी, हरियाणा के सभी जिलों से औषधि नियंत्रण अधिकारी शामिल हुए।  

बैठक को संबोधित करते हुए डीजीएचएस डॉ.कुलदीप सिंह ने कहा कि राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए सभी जिलों तेजी से कार्य करना होगा। लिंगानुपात में सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले कदम और संबंधित वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) और चिकित्सा अधिकारी (एमओ) को उनके संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी)/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) क्षेत्र के लिंगानुपात में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सभी जिलों को सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) रजिस्टर के अनुसार पिछले पांच वर्षों का गांव वार लिंगानुपात डेटा एकत्र करना होगा। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसटीएफ की बैठक में लिए गए सभी निर्णय जमीनी स्तर तक लागू होने चाहिए।  

एसटीएफ के संयोजक डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा कि सभी नोडल अधिकारी पीएनडीटी और एमटीपी पर गड़बड़ी करने वाले केंद्रों के खिलाफ शिकंजा कसें। सभी औषधि नियंत्रण अधिकारियों (डीसीओ) को अधिकृत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एमटीपी केंद्रों का दौरा करें ताकि एमटीपी किटों की किसी भी अवैध बिक्री/स्टॉक की जांच की जा सके। जिन केंद्रों को जिला टीम द्वारा क्लीन चिट दी गई है, वहां राज्य टीम द्वारा उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।