अभिभावकों को किताबें लेने के लिए बाधित कर रहे निजी स्कूल

Private schools are obstructing parents to collect books

Private schools are obstructing parents to collect books

Private schools are obstructing parents to collect books- चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की चेतावनी के बावजूद प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों तथा पुस्तक विक्रेताओं के बीच गठबंधन के मामले सामने आ रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों को बकायदा पर्चियां देकर चिन्हित बुक सैलरों से किताबें लेने के लिए बाधित किया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय के पास इस सत्र के दौरान अब तक प्रदेश भर से 57 शिकायतें आ चुकी हैं।

इनमें महंगी किताबों के साथ-साथ निजी स्कूलों में मान्यता न होना, खराब बुनियादी ढांचा और अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति की शिकायतें भी शामिल हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जांच के लिए अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है, जो पूरे मामले की समीक्षा कर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को रिपोर्ट सौंपेगी।

जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें आई हैं उनमें पानीपत, सोनीपत, करनाल, अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, पंचकूला शामिल हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से बीते सप्ताह कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट इसी सप्ताह देने के निर्देश दिए गए हैं।

नए शैक्षणिक सत्र के 2 सप्ताह तक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हस्तक्षेप के बाद भी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के लगभग 65 प्रतिशत छात्रों को ही उनकी फ्री किताबें मिल पाई हैं। वितरित की जाने वाली 7.7 लाख पाठ्यपुस्तकों में से पांच लाख 12 अप्रैल तक स्कूलों में पहुंच चुकी हैं।

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पुस्तकों की आपूर्ति में देरी के कारण हुई देरी के बाद हमने तय किया है कि प्रक्रिया सितंबर में शुरू की जाएगी। जबकि, निविदाएं साल के अंत तक 2 या 3 प्रकाशकों को आवंटित की जानी चाहिए। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कमेटी जिलों के दौरे के दौरान स्थानीय प्रशासन के सामने इन मुद्दों की समीक्षा करेगी। इस मामले में निजी स्कूलों के विरूद्ध रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेजी जाएगी।