जल शक्ति मंत्रालय जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्व जल दिवस पर ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन - 2025’ का शुभारंभ

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025

 भारत सरकार सामुदायिक भागीदारी और नवीन रणनीतियों के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पर बल दे रही है : सी आर पाटिल

जल शक्ति अभियान: कैच द रेन - 2025’ से 148 जिलों में समुदाय के नेतृत्व में जल संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा: पाटिल

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से आज विश्व जल दिवस पर बहुप्रतीक्षित जल शक्ति अभियान: कैच द रेन - 2025 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा के पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी और नवीन रणनीतियों के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पर बल देना है। "जल संचयन जन भागीदारी: जन जागरूकता की ओर" की थीम वाला यह अभियान जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल चुनौतियों के मद्देनजर जल सुरक्षा, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण के महत्व को रेखांकित करता है।

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025

इस मौके केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि यह अभियान जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल चुनौतियों के मद्देनजर जल सुरक्षा, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण के महत्व को रेखांकित करता है। यह पहल देश भर के 148 जिलों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इससे जल संसाधनों के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने में सरकारी एजेंसियों, समुदायों और हितधारकों के बीच अधिक तालमेल को बढ़ावा मिलेगा।

श्री पाटिल ने कहा कि जल शक्ति अभियान: कैच द रेन - 2025 का उद्देश्य जल संरक्षण के लिए राष्ट्रव्यापी जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ावा देना है, जिससे ‘हर बूंद अनमोल’ के सपने को साकार किया जा सके। अभियान सभी नागरिकों से अभिनव समाधानों और जमीनी स्तर की भागीदारी के माध्यम से भारत के जल भविष्य को सुरक्षित करने में मिलकर काम करने का आह्वान करता है।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी और नवीन रणनीतियों के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पर बल देना है। जल का महत्व क्या है इसी की जागरूकता के लिए सरकार काम कर रही है। पानी की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों को ध्यान रखना है। जल संरक्षण के कर्तव्य को हर नागरिक को निभाना है। उन्होंने कहा कि   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण को लेकर  बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी। जल जीवन मिशन के तहत लाखों लोगों को डायरिया एवं पानी से होनी वाली अन्य बीमारियों से बचाव किया गया है। उन्होंने कहा कि  चारों राज्यों के  मुख्यमंत्रियों से  मिलकर पानी की समस्या और विवादों को दूर किया जाएगा। 

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श्री पाटिल ने कहा कि पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आगे बढ़कर पानी के लिए काम किया है। हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे और सफल होंगे। उन्होंने कहा कि जल का विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है, अन्यथा आने वाली पीढ़ियों के लिए यह कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अनुसार गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके सहयोग से जल संरक्षण संभव है।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि जल संरक्षण एक क्रांति है जिसकी शुरुआत हरियाणा से की गई है। उन्होंने कहा कि पानी जीवन का एक स्रोत है। पानी की कमी को हरियाणा ने महसूस किया है। भूजल, जल स्रोतों की सीमाएं भी हैं पर वर्षा के जल को संभालना हम सब की जिम्मेदारी है। "मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ का मकसद है आने वाली पीढ़ियों को बंजर भूमि नहीं मिले बल्कि उन्हें पानी वाली धरती प्रदान करें। भारत में विश्व का 4 प्रतिशत का जल है परन्तु पूरे विश्व की 18 प्रतिशत आबादी भारत की है। प्रकृति में संरक्षण की जरूरत है।आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संचय को बढ़ाया जायेगा। किसानों को कम पानी वाली फसलें लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आर्थिक मदद की जा रही है। तालाबों के जीर्णोद्धार किया जा रहा। उन्होंने हरियाणा वासियों से आहवान् किया कि हम सभी ने पानी की एक एक बंद को बचा कर उसका संरक्षण करना है। जल मित्र बनकर जल को बचाने में सहायक बनना है।

इस अवसर पर हरियाणा की सिंचाई एवं महिला बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, यह अभियान जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर बूंद अनमोल है, हर प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी का संयुक्त प्रयास ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। इसीलिए मिलकर जल बचाएँ और भविष्य सुरक्षित करें।

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025

इस पहल का उद्देश्य कला और संस्कृति के माध्यम से जन संवाद, चिंतन और क्रियाशीलता को प्रोत्साहित करना है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन चुका है। कैच द रेन जैसे अभियानों ने देशभर में जल के महत्व को लेकर नई सोच और जागरूकता को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा बार-बार जल संरक्षण पर दिए गए संदेशों से प्रेरित होकर आज समाज के सभी वर्ग, विशेष रूप से युवा और महिलाएं, जल संरक्षण के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

इस दौरान जल संरक्षण पर कलात्मक अभिव्यक्तियों को प्रदर्शित करने वाली एक पेंटिंग और मूर्तिकला प्रदर्शनी का लोकार्पण किया गया। नदियों, झरनों और जंगलों के बीच पारिस्थितिक संबंध को मजबूत करने वाले ‘जल-जंगल-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान’ का शुभारंभ भी हुआ। वैज्ञानिक जल संसाधन प्रबंधन में सहायता करने वाली ‘मुख्यमंत्री जल संचय योजना’ और हरियाणा के लिए जल संसाधन एटलस का ई-लॉन्च किया गया।
जल संरक्षण में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रगतिशील किसानों, महिलाओं, जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए), उद्योगों और गैर सरकारी संगठनों  को  पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

हरियाणा में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, गोबरधन परियोजना और एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शेड सहित अभिनव जल प्रबंधन परियोजनाओं का अनावरण भी किया गया
इस अवसर पर एक अनूठी और विचारोत्तेजक मूर्तिकला एवं चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन जल शक्ति मंत्री माननीय श्री सी. आर. पाटिल, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा की सिंचाई एवं महिला बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह आयोजन विश्व जल दिवस 2025 के उपलक्ष्य में और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2025 के शुभारंभ के अवसर पर किया गया, जिसका विषय है — “जल संचय, जनभागीदारी: जन जागरूकता की ओर”।

Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain – 2025

प्रदर्शनी में युवा चित्रकारों और मूर्तिकारों द्वारा बनाए गए प्रभावशाली कला कार्यों को प्रदर्शित किया गया। इन रचनाओं के माध्यम से जल संरक्षण और जलवायु संकट की गंभीरता को दर्शाया गया है। इन कलाकृतियों में प्रकृति की उदारता, मानव की जिम्मेदारी, और जल उपभोग व संरक्षण के बीच के नाजुक संतुलन को उकेरा गया है।

चित्रों में कहीं मातृ पृथ्वी को आशा और प्रदूषण के जल में डूबी हुई दिखाया गया है, तो कहीं पत्थर की संरचना में समाहित जीवनदायिनी जल की बूंदों को दर्शाया गया है। हर एक कला कृति एक कहानी कहती है — समरसता की, क्षरण की, पुनरुत्थान की और सामूहिक प्रयास की।
प्रदर्शनी में “हाथों में वर्षा” नामक इंस्टॉलेशन, ये कलाकृतियाँ इस बात की गहरी याद दिलाती हैं कि जल केवल जीवन ही नहीं, बल्कि संस्कृति, भावना और निरंतरता का भी आधार है।

यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार और जल संसाधन विभाग, हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित की गई। इस पहल का उद्देश्य कला और संस्कृति के माध्यम से जन संवाद, चिंतन और क्रियाशीलता को प्रोत्साहित करना है।

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन चुका है। कैच द रेन जैसे अभियानों ने देशभर में जल के महत्व को लेकर नई सोच और जागरूकता को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा बार-बार जल संरक्षण पर दिए गए संदेशों से प्रेरित होकर आज समाज के सभी वर्ग, विशेष रूप से युवा और महिलाएं, जल संरक्षण के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

युवा चित्रकारों और मूर्तिकारों की रचनात्मक अभिव्यक्ति जनमानस में जल संचय के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रभावशाली माध्यम है, और जनभागीदारी के बिना जल सुरक्षा का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता।
इस प्रदर्शनी को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों लोगों ने देखा, जो केवल आंकड़ों के माध्यम से नहीं बल्कि कला के माध्यम से विश्व जल दिवस का संदेश लेकर लौटे।

इस मौके पर हरियाणा की महिला जल योद्धाओं ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए। इन कहानियों ने यह दर्शाया कि किस प्रकार नारी शक्ति से जल शक्ति को साकार किया जा रहा है। श्रीमती रानी देवी ने बेहतर जल प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने में अपने संघर्षों को साझा किया। श्रीमती काजल शर्मा, जो हरियाणा के मोरनी ब्लॉक की सरपंच हैं, ने बताया कि कैसे उन्होंने स्वयं सहायता समूहों का संचालन कर गांवों में जोहड़ों के निर्माण और मरम्मत जैसे जल संरक्षण कार्यों में भाग लिया। 
श्रीमती सुमन देवी, भिवानी ज़िले से, ने बताया कि कैसे उनका गांव गंभीर जल संकट से जूझ रहा था। अटल भूजल योजना के अंतर्गत उन्होंने समुदाय को साथ लेकर भूजल संरक्षण हेतु प्रयास किए और जोहड़ों का निर्माण कर जल स्तर को सुधारने का कार्य किया।

इन महिला जल योद्धाओं ने कहा कि उन्होंने गांव की जल एवं स्वच्छता समिति में सक्रिय भागीदारी निभाई, फील्ड टेस्टिंग किट्स (FTKs) का उपयोग कर जल गुणवत्ता की जांच की, और अन्य महिलाओं को भी इसका प्रशिक्षण देकर यह सुनिश्चित किया कि पीने के पानी की गुणवत्ता बनी रहे।  कहानियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि जन भागीदारी और नारी शक्ति के माध्यम से जल संचय और जल सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार एवं हरियाणा के  अधिकारियों सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।