हरियाणा के स्कूल में आज से शीतकालीन अवकाश शुरू, ड्राप आउट बच्चों का सर्वे करने फील्ड में उतरेंगे अध्यापक
- By Vinod --
- Tuesday, 31 Dec, 2024
Winter vacation starts in Haryana schools from today
Winter vacation starts in Haryana schools from today- चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूलों में बुधवार से शीतकालीन अवकाश शुरू होने जा रहा है। जिसके चलते विद्यार्थी को घरों में रहेंगे लेकिन सरकार के आदेशानुसार अध्यापक आज से ड्राप आउट बच्चों का सर्वे करने के लिए फील्ड में उतरेंगे। सरकार के इन आदेशों का प्रदेश के कई जिलों में विरोध भी शुरू हो चुका है।
सर्वे के दौरान छह से सात वर्ष तक के उन बच्चों की पहचान की जाएगी, जो स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बच्चों को शिक्षा के राह पकड़वाने में ग्राम पंचायतों के साथ आंगनबाडी वर्कर और नंबरदारों का सहयोग लिया जाएगा।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ड्राप आउट बच्चों को स्कूलों में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लिहाजा, शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल स्तर यानी गांव व वार्ड में एक सप्ताह सर्वे अभियान चलाया जाएगा, जिसमें शिक्षक घर-घर दस्तक देंगे और पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार करेंगे।
दरअसल, राजकीय स्कूलों में ड्राप आउट की बढ़ती चुनौती को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र में एक्शन प्लान तैयार किया है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहेगा। विभाग की ओर से अतिरिक्त जिला उपायुक्त, शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और समस्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर हिदायत दी गई है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराया जाए।
एक्शन प्लान के तहत शीतकालीन अवकाश के दौरान न केवल ड्राप आउट बच्चों का सर्वे होगा, बल्कि स्कूल से लेकर ब्लाक, जिला तथा निदेशालय स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद नए शैक्षणिक सत्र में उन बच्चों के दाखिले को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
सर्वे के दौरान शिक्षा विभाग का लक्ष्य एससी और एसटी समुदायों के साथ सडक़ पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ व बेघर, प्रवासी, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोडऩा है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का भी डाटा तैयार किया जाएगा ताकि उन्हें दोबारा से स्कूल लाया जा सके।
सर्वे के दौरान छह से लेकर सात वर्ष के बच्चों को दोबारा शिक्षा के साथ जोडऩे का लक्ष्य है। सर्वे के दौरान तीन श्रेणी तैयार की गई हैं, पहली श्रेणी में छह से सात वर्ष, दूसरी श्रेणी में 7 से 14 वर्ष और तीसरी श्रेणी में 15 से 19 वर्ष तक को रखा गया है। सेकेंडरी स्तर पर 15 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी वर्कर और सामाजिक संस्थाओं की रहेगी भागीदारी
ड्राप आउट बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने में ग्राम पंचायतों का विशेष सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही ड्राप आउट बच्चों के सर्वे के लिए आंगनबाड़ी वर्कर, नंरबदार व पंच सहित सामाजिक संस्थाओं के साथ शैक्षणिक वालंटियरों का सहयोग लिया जाएगा।