भाजपा कभी भी कर सकती है राज्यसभा प्रत्याशी का ऐलान: कई पूर्व मंत्रियों ने शुरू की लॉबिंग

BJP can announce Rajya Sabha candidate any time

BJP can announce Rajya Sabha candidate any time

BJP can announce Rajya Sabha candidate any time- चंडीगढ़। हरियाणा में राज्य सभा की एक सीट के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा में राज्यसभा जाने के चाहवान नेताओं की लॉबिंग तेज हो गई है। भाजपा किसी भी समय राज्यसभा प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है। ऐसे में राज्य सभा में जाने के इच्छुक नेताओं ने दिल्ली दरबार के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। राज्यसभा की यह सीट एससी कोटे से खाली हुई है। वर्तमान में इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं।

राज्यसभा उप चुनाव के लिए डॉ. बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। बनवारी लाल की पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। वह पूर्व सीएम एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के करीबी हैं।

कुलदीप बिश्नोई लंबे समय से इस सीट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। वह दिल्ली में गृहमंत्री व प्रधानमंत्री को भी मिल चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई भाजपा के लिए राजस्थान में काम कर चुके हैं। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में हैं।

सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल भी इस सीट के लिए लॉबिंग कर रही हैं।

सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनका टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दिया। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी इस सीट के प्रबल दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार के साथ अच्छा काम किया है। लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से प्रस्ताव दिया गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया का नाम भी चर्चा में है। भाटिया पंजाबी समुदाय से आते हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में सीएम के पूर्व चीफ मीडिया संयोजक एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया की भूमिका अहम रही है। कटारिया ने प्रदेश के सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।