दलबदल करने वाले केवल दो विधायक दोबारा जीते, प्रदेश में 15 सीटें ऐसी जहां जीत व हार का अंतर बहुत कम

Only two MLAs who defected won again

Only two MLAs who defected won again

Only two MLAs who defected won again- चंडीगढ़। हरियाणा में हालही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पर्यटन करने वाले नेताओं में केवल दो ही ऐसे जो विधानसभा में पहुंच पाए हैं। अन्य सभी को जनता ने नकार दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में अन्य दलों के मुकाबले जननायक जनता पार्टी में सर्वाधिक भगदड़ मची।

चुनाव के दौरान जजपा के दस में से सात विधायकों ने कांग्रेस व भाजपा का दामन थामा। इसके अलावा पिछले कार्यकाल के दौरान निर्दलीयों ने भी अपनी सुविधा के अनुसार दलबदल किया। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से दलबदल करके आए रामकरण काला तथा भाजपा की तरफ से रामकुमार गौतम ही दोबारा विधानसभा पहुंचे हैं।  

हरियाणा के चुनावी रण में 15 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशियों की हार-जीत का अंतर बहुत कम रहा है। इनमें तीन प्रत्याशी सढ़ोरा से रेणुबाला, फतेहाबाद में बलवान सिंह दौलतपुरिया और पंचकूला में चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा समर्थक हैं, जिनकी छोटी जीत हुई है। सबसे छोटी जीत या हार जींद जिले की उचाना विधानसभा सीट पर हुई है, जहां भारतीय जनता पार्टी के नये चेहरे देवेंद्र चतुर्भुज अत्री ने हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह (कांग्रेस) और हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (जजपा) को मात्र 32 मतों के अंतर से पराजित किया है। बृजेंद्र सिंह दूसरे और दुष्यंत चौटाला पांचवें स्थान पर रहे। तीसरे व चौथे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार रहे, जबकि पांचवें स्थान पर खिसके दुष्यंत चौटाला को करीब साढ़े सात हजार मतों में ही संतोष करना पड़ा है।

सढ़ोरा में कांग्रेस की रेणुबाला भाजपा के बलवंत सिंह सढ़ोरा से सिर्फ 1699 मतों के अंतर से ही चुनाव जीत पाई हैं। रेणुबाला को कांग्रेस में कुमारी सैलजा की समर्थक माना जाता है। थानेसर में कांग्रेस के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा पिछली भाजपा सरकार में शहरी निकाय राज्य मंत्री रहे सुभाष सुधा से 3243 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। रोहतक में कांग्रेस के पूर्व विधायक बीबी बत्रा भाजपा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से 1341 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं, जबकि आदमपुर में कांग्रेस के रिटायर्ड आइएएस चंद्रप्रकाश से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई भाजपा उम्मीदवार के रूप में मात्र 1268 मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं। असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भाजपा के योगेंद्र राणा के हाथों 2306 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं।

अटेली में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव भाजपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के अतरलाल से सिर्फ 3085 मतों से ही चुनाव जीत पाई हैं। डबवाली में इनेलो-बसपा गठबंधनके उम्मीदवार आदित्य देवीलाल चौटाला कांग्रेस के पूर्व विधायक अमित सिहाग से सिर्फ 610 मतों के अंतर से जीते हैं। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल दिलाने की संस्तुति करने वाले सुनील सांगवान दादरी में भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस की मनीषा सांगवान से 1957 मतों से चुनाव जीते हैं। फतेहाबाद में कांग्रेस के बलवान सिंह दौलतपुरिया भाजपा के पूर्व विधायक चौधरी दूड़ाराम से 2252 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।

होडल में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान भाजपा के हरजिंदर सिंह से 2595 मतों से चुनाव हार गए, जबकि लोहारू में हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री जेपी दलाल कांग्रेस के राजबीर फरटिया से 792 मतों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए हैं। पंचकूला में हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम एवं स्व. भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा सरकार में स्पीकर रहे डा. ज्ञानचंद गुप्ता के मुकाबले 1997 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।

फेल हुआ सीटिंग-गैटिंग का फार्मूला, 15 विधायक हारे

कांग्रेस ने हरियाणा में इस बार सभी सीटिंग विधायकों को टिकट दिया था। इनमें प्रदीप चौधरी (कालका), बीएल सैनी (रादौर), मेवा सिंह (लाडवा), बलबीर वाल्मीकि (इसराना), शमशेर गोगी (असंध), सुभाष गंगोली (सफीदों), धर्म सिंह (समालखा), जगबीर मलिक (गोहाना), सुरेंद्र पंवार (सोनीपत), जयवीर वाल्मीकि (खरखौदा), राजेन्द्र जून (बहादुरगढ़), राव दान सिंह (महेंद्रगढ़), चिरंजीवी राव (रेवाड़ी), अमित सिहाग (डबवाली), नीरज शर्मा (फरीदाबाद एनआईटी) चुनाव आर गए हैं।