सुभाष की जीत में रोड़ा बन सकतें है जसबीर देसवाल?

Can Jasbir Deswal become a hindrance in Subhash's victory?

Can Jasbir Deswal become a hindrance in Subhash's victory?

Can Jasbir Deswal become a hindrance in Subhash's victory?- सफीदों  (शिव कुमार)। जैसे जैसे पांच अक्टूबर नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सफीदों विधानसभा में राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी बहुत गर्मी पैदा कर रहा है। क्षेत्र की राजनीति में इस बार चुनावी मुकाबला 4 दिग्गजों के बीच है जिनमे पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ओबीसी होने के चलते ओबीसी वोट बैंक को अपना मान कर चल रहे हैं वहीं नारनौंद से विधायक रहे पंडित रामकुमार गौतम बीजेपी समर्पित सभी वोटर्स अपने पक्ष में समझ कर अपनी जीत के समीकरण लगाए बैठे हैं।

इसके अलावा पूर्व विधायक जसबीर देसवाल का मानना है कि सफीदों की जनता उन्हें जीत दिलाएगी, क्योंकि 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष देसवाल को जसबीर देसवाल ने अपना समर्थन किया था इसलिए जनता उनसे सहानुभूति रख कर वोट देगी, साथ ही उनका मानना है कि क्षेत्र के हजारों युवाओं को उन्होंने अपने पोल्ट्री के बिजनेस में रोजगार दिया है जिस कारण सफीदों की जनता उनका साथ देगी

सूत्रों की माने तो कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष देसवाल को भी इस का अंदाजा है कि जसबीर देसवाल उनके लिए इस वोट काटू की भूमिका निभा सकतें है। 27 सितंबर को सफीदों की पुरानी अनाज मंडी में हुई कांग्रेस की रैली में दीपेंद्र हुड्डा ने भी जसबीर देसवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन वोट काटू, निर्दलीयों से सावधान रहना है। इतना ही नही उन्होंने तो जसबीर देसवाल को भाजपा का टीम बी तक भी बता डाला।

स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप व सोशल मीडिया में भी सुभाष देसवाल के समर्थक जसबीर देसवाल के पुराने भाजपा नेताओं के साथ लिए गए फोटो वायरल कर रहें हैं तथा जसबीर देसवाल को भाजपा का एजेंट बता रहें हैं। वहीं जसबीर देसवाल के समर्थक सुभाष देसवाल को अहसानफरामोश बता कर कह रहे  हैं कि जसबीर देसवाल के अहसान के कारण ही सुभाष देसवाल विधायक बना पाया था लेकिन अब वह इस बात को भूल गया है।

राजनीतिक सूत्रों की माने तो सफीदों का जाट वोट बैंक दो जाट प्रत्याशी खड़े होने के कारण बंट सकता है। जिसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी रामकुमार गौतम को पहुंचेगा।

सुभाष को वोटबैंक में सेंध लगने की आशंका

सफीदों के राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि निर्दलीय प्रत्याशी जसबीर देसवाल का चुनाव जितना बढ़ेगा, उतना ही भाजपा प्रत्याशी रामकुमार गौतम को फायदा पहुंचेगा क्योंकि सफीदों जाट बहुलक क्षेत्र है जाट वोट यहां निर्णायक वोट बैंक माना जाता है जो दो प्रत्याशियों में बंट सकता है। चर्चा इस बात की भी है कि जसबीर देसवाल को जितनी ज्यादा वोट मिलेंगी उतना ही काँग्रेस प्रत्याशी सुभाष देसवाल की वोट कम होंगी, जिसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी रामकुमार गौतम को पहुंचेगा। इसलिए, कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष देसवाल ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक व सांसद दीपेन्द्र हूडा को दूसरी बार सफीदों में रैली कर बुलाया है।