सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बेरोजगारी की हताशा में अवैध रूप से विदेश जाने वाले नौजवानों की समस्याओं को लोकसभा में उठाया

Problems of Youth going Abroad Illegally

Problems of Youth going Abroad Illegally

•    विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय गोलमोल जवाब देते रहे 
•    सरकार ने ठोस जवाब देने की बजाय अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा – दीपेन्द्र हुड्डा 
•    पिछले एक वर्ष में ही 97000 नौजवान मेक्सिको बार्डर से पनामा के जंगलों के रास्ते या कनाडा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे और पकड़े गये – दीपेन्द्र हुड्डा
•    अपना सबकुछ बेचकर, कर्ज लेकर, जान जोखिम में काम की तलाश में विदेशी धरती पर पहुंचे नौजवान अमानवीय परिस्थितियों से गुजरते हैं – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 26 जुलाई। Problems of Youth going Abroad Illegally: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में सरकार से सवाल किया कि पिछले चंद वर्षों में लाखों की तादाद में हमारे देश के कई प्रदेशों के नौजवान बेरोजगारी की हताशा में बिना वीजा के, जोखिम उठाकर अवैध रूप से डंकी के रास्ते विदेशों में जा रहे हैं। क्या विदेश मंत्रालय को इस बात की जानकारी है और मंत्रालय उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है? यदि है तो उनकी मदद के लिये सरकार क्या कर रहा है। इस पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जवाब दिया कि जिनको विदेश जाना ही है और अगर इसके लिए वे तमाम तरह के अन्य रास्ते अपनाते हैं तो सरकार जिम्मेदार नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि नौजवानों की दुर्दशा के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार हैं क्योंकि वह उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं करा रही है। यदि सरकार नौजवानों को यहीं अपने देश में रोजगार उपलब्ध कराती तो वे अपना घर-बार छोड़कर विदेश क्यों जाते। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा में भयंकर बेरोजगारी का आलम है। जिसके कारण जमीन-जायदाद  बेचकर, लाखों रुपये कर्जा लेकर नौजवान अपना भविष्य सँवारने की आस में विदेशों का रूख कर रहे हैं। हरियाणा के बहुत सारे गाँव नौजवानों से खाली हो चुके हैं। कई बार नौजवानों के साथ अप्रिय हादसे होने की खबरें आती हैं। तो कई बार दूसरे देशों की सरकार द्वारा अवैध रूप से घुसने के आरोप में उन्हें जेलों में ठूंस दिया जाता है। कई बार वे एजेंटों के जाल में फंसकर नारकीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे बहुत सारे नौजवान आज भी विदेशों में फंसकर नारकीय जीवन जी रहे हैं।

दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में अमेरिका के कस्टम एंड बार्डर पेट्रोल के आंकड़ों का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष में 97000 भारतीय नागरिक मेक्सिको बार्डर से पनामा के जंगलों के रास्ते या कनाडा के रास्ते अमानवीय परिस्थितियों से गुजरते हुए अमेरिका में पहुंचे और वहाँ उन्हें पकड़ लिया गया। अब वे न तो इधर के रहे, न उधर के रहे। इनमें से ज्यादातर नौजवान हरियाणा, पंजाब, बंगाल से गये हैं और ज्यादातर नौजवान वहाँ काम की तलाश में जाते हैं। उन्होंने कहा कि अकेले अमेरिका में 15 लाख ऐसे भारतीय नागरिक हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।