हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से दिया जाता है अस्थाई रोजगार: मुख्यमंत्री
- By Vinod --
- Tuesday, 21 Feb, 2023
Haryana Skill Employment Corporation
Haryana Skill Employment Corporation- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन आउटसोर्सिंग पोलिसी के तहत ठेकेदारों में माध्यम से लगे कर्मचारियों को शोषण से बचाने हेतु किया गया है। कर्मचारी एवं कर्मचारी संगठनों से शिकायतें प्राप्त हुई थी कि ठेकेदार न तो इन कर्मचारियों को ईपीएफ और न ही ईएसआई इत्यादि का लाभ दे रहे थे। एचकेआरएनएल के माध्यम से नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को यह सभी लाभ मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री, जो हरियाणा विधानसभा में सदन के नेता भी हैं, ने आज बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायक श्री मेवा सिंह द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि निगम का गठन एक कल्याणकारी स्कीम के तहत किया गया है, जिन परिवारों की आय 1.80 लाख रुपये से कम है और जिन परिवारों में कोई भी सरकारी नौकरी वाला सदस्य नहीं है, को निगम के माध्यम से दिए जाने वाले रोजगार में प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि निगम के माध्यम से केवल अस्थाई रोजगार दिया जाता है और बाद में विभाग की मांग और कर्मचारी के कार्य कौशल के आधार पर रिन्यू किया जाता है। सभी स्थाई नौकरियां हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग व अन्य विभागीय प्रक्रियाओं के तहत दी जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन को जानकारी दी कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने विभिन्न विभागों में अनुबंध आधार पर लगे 106464 कर्मचारियों को नियुक्ति पेशकश पत्र जारी किए हैं, जिनमें से 95424 ने निगम के पोर्टल पर ज्वाइन किया है। इसके अलावा, 6736 उम्मीदवारों को निगम द्वारा विभिन्न विभागों में नियुक्ति के पेशकश पत्र भेजे गये हैं, जिनमें से 4380 ने ज्वाइन कर लिया है। उम्मीदवार को 15 दिन में ज्वाइन करना होता है अन्यथा उससे बाद वाले उम्मीदवार को पेशकश पत्र जारी कर दिया जाता है।
विधायक जगबीर सिंह मलिक द्वारा भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगे 32 कर्मचारियों को निकालने के बारे पूछे गये पूरक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में है और इसमें जांच हुई है। पहले ठेकेदार गलत तरीके से आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत कर्मचारी रख लेते थे, परंतु अब निगम ने ठेकेदारों से कर्मचारियों के नाम सहित जानकारी मांगी है। ठेकेदारों से रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।