Haryana residents rejected turncoats

दलबदलूओं को हरियाणा वासियों ने नकारा

Haryana residents rejected turncoats

Haryana residents rejected turncoats

Haryana residents rejected turncoats- चंडीगढ़। हरियाणा में लोकसभा चुनाव परिणाम के दौरान यह साफ हो गया है कि इस बार के चुनाव में जनता ने दलबदल करने टिकट हासिल करने वाले नेताओं को नकार दिया है। वर्ष 2019 के चुनाव में दलबदल करने वाले जहां कई नेता जीतकर लोकसभा पहुंचे थे वहीं जनता ने दलबदलूओं को सबक सिखाने का काम किया है। इस सूची में सबसे पहला नाम सिरसा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर का रहा है। अशोक तंवर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे।

इसके बाद तंवर ममता बैनर्जी वाली तृणमूल कांग्रेस में गए। इस बीच अशोक तंवर ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी का समर्थन करते हुए उनके लिए प्रचार भी किया। वहां भी तंवर की दाल नही गली तो आम आदमी पार्टी में चले गए। आप ने तंवर को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया तो नाराज होकर आम आदमी पार्टी भी छोड़ दी। इसके बाद अशोक तंवर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें सिरसा से प्रत्याशी बनाया था।

सिरसा चुनाव हारने के बाद अशोक तंवर के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। कुरूक्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल इससे पहले कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडक़र दो बार सांसद बन चुके हैं। इस बार दलबदल करके वह भाजपा में शामिल हुए और भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया।

हरियाणा में प्रत्याशी घोषित होने से महज 15 मिनट पहले भाजपा में शामिल होने वाले रणजीत सिंह चौटाला को भी हिसार की जनता ने नकार दिया है। रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। रणजीत सिंह चौटाला का प्रचार के दौरान अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले सबसे अधिक विरोध हुआ। जिसका परिणाम सबके सामने है।