क्या इतने दिन काफी है मानव तस्करी रोकने के लिए
अभियान का मकसद मानव तस्करी की पूरी तरह से रोकथाम
मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का पुलिस अभियान
चंडीगढ़: 01 अप्रैल 2023: (कार्तिका सिंह/अर्थ प्रकाश)::
मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही इसके मकसद और तरीके अलग अलग हैं, सरकार और सुरक्षा बलों की सख्तियाँ भी होती हैं लेकिन मानव तस्कर बेख़ौफ़ हो कर अपने जुर्म को अंजाम देते रहते हैं। यह जुर्म केवल हरियाणा में नहीं शायद देश और दुनिया के हर कोने में हैं। ज़रूरत है, हर कोने में सतर्कता और सख्ती की। अकेली लडकियाँ और बच्चे अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं रहे। एक पूरी जंग की ज़रूरत है, इसकी रोकथाम के लिए हरियाणा ने पहल की है, यह एक उपलब्धी से कम नहीं।
आज के आधुनिक और विकसित युग में मानव तस्करी के षड़यंत्र और तेज़ हो गए हैं। विकसित तकनोलॉजी का फायदा उठाते हुए मानव तस्कर हर पल हर जगह भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाने की ताक में रहते हैं। इनके इन खतरनाक और नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए हरियाणा पुलिस एक बार फिर मैदान में है। इन मानव तस्करों के खिलाफ़ हरियाणा पुलिस अब एक और नया अभियान चलाने को पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए हर तैयारी पूरी कर ली गई है। अप्रैल महीने चढ़ते ही अब मानव तस्करों की फिर से शामत आएगी। इनकी धड़-पकड़ के लिए पुलिस ने अपने नेटवर्क का जाल बिछा लिया है।
हरियाणा पुलिस अप्रैल माह में समस्त राज्य में मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का अभियान चलाएगी। इसके माध्यम से पुलिस का उद्देश्य मानव तस्करी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी मुख्य मकसद रहेगा, तांकि आम लोगों का हौंसला भी बढ़े और हिम्मत भी इसके साथ ही मानवतस्करी के खिलाफ आम जनता की निगाहों को भी तेज़ बनाया जाएगा।
मानव तस्करी के खिलाफ हरियाणा पुलिस के इस नए और बेहद सख्त विशेष अभियान में बड़े-बड़े मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे। इस संबंध में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश भर में चलेगा यह विशेष अभियान। इसके अंतर्गत हर जगह पर पुलिस की मुस्तैद नज़र रहेगी ही। जवानों की चौकसी बहुत से लोगों को इस बार भी बचाएगी।
इस तरह इस बार हरियाणा पुलिस अप्रैल माह में समस्त राज्य में मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का अभियान चलाएगी। इसके माध्यम से पुलिस का उद्देश्य मानव तस्करी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना है। आम लोगों को इस दिशा में सतर्क करने के साथ-साथ इस दिशा में सहयोगी बनने को भी प्रेरित किया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत पहली अप्रैल से 30 अप्रैल, 2023 तक चलने वाले इस अभियान में सेमिनार, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल होंगी। इस दौरान हरियाणा पुलिस बचाव अभियान चलाते हुए मानव तस्करी के पीडि़तों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी।
मानव तस्करी के खिलाफ चलने वाले इस अभियान की जानकारी देते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार अग्रवाल ने कहा कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है जो देश में हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करता है। राज्य ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी के कई मामलों का खुलासा किया है और हरियाणा पुलिस इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मानव तस्करी ने बहुत से परिवारों के जनजीवन को तहस नहस क्र रखा है। खतरे की इस तलवार को अब पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।
हरियाणा पुलिस के इस अभियान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ महीने भर चलने वाला अभियान इस अपराध से निपटने के हमारे चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। हम अपने नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
इस अभियान की सफलता के लिए पुलिस हर संबंध में तैयार है। हरियाणा पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को उसके आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर दें। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मुखबिर की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आएगी और आम जनता के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हर सम्भव कदम उठाएगी। इस तस्करी की इस बार कमर तोड़ दी जाएगी।
इस अभियान की पूर्ण सफलता के लिए फील्ड यूनिट्स को भेजे गए संदेश में सभी एसपी और डीसीपी को अभियान चलाने के लिए कहा गया है। सीपी और आईजी/एडीजी रेंज साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करेंगे। लापता बच्चों और वयस्कों की संख्या का पता लगाने और भिखारियों और मजदूरों को बचाए जाने पर महीने के अंत में फील्ड इकाइयों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। इस दिशा में, पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों के मामलों की फिर से जांच करेगी और आस-पास के राज्यों में आश्रयों और बाल गृहों में पुलिस टीमों को यह देखने के लिए भेजेगी कि उनमें से कोई वहां रह रहा है या नहीं। गुमशुदा बच्चों के मामले धारा 363-366 आईपीसी के तहत दर्ज किए जाते हैं, जबकि लापता वयस्कों के मामले 346 आईपीसी के तहत दर्ज किए जाते हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने वर्ष 2022 में, 3379 लापता महिला और 6340 पुरुष वयस्कों का पता लगाया। साथ ही, लापता 1144 लडक़ों और 1426 लड़कियों को भी बरामद किया। इसके अतिरिक्त, इसने 41 बंधुआ मजदूरों को भी मुक्त कराया था।
इसी अवधि में, राज्य अपराध शाखा की 22 एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (एएचटीयू) ने लापता 316 पुरुष वयस्कों और 373 महिलाओं का पता लगाया। साथ ही, वर्ष के दौरान लापता हुए 313 लडक़ों और 227 लड़कियों का भी पता लगाया। इसके अतिरिक्त, 2022 में 639 पुरुष और 294 महिला भिखारियों और 1300 पुरुष और 52 महिला बंधुआ मजदूरों को बचाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, लापता व्यक्ति का मामला आगे की जांच के लिए राज्य अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया जाता है, अगर यह जिले में चार महीने से अधिक समय तक अनसुलझा रहता है।
इस बार भी इस अभियान के माध्यम से, हरियाणा पुलिस का लक्ष्य महिला एवं बाल कल्याण विभाग, अन्य राज्य पुलिस और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बिछुड़ों को उनके प्रियजनों के साथ फिर से जोड़ते हुए परिवार में मुस्कान वापस लाना है।