हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला का BJP से इस्तीफा; रानियां से टिकट चाहते थे, मगर नहीं मिली, कहा- अब शक्ति प्रदर्शन होगा
Haryana Minister Ranjit Chautala Rebellion BJP Resigns News
Ranjit Singh Chautala Resigns: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी में उथल-पुथल मच गई है। टिकट न मिलने से नेताओं में गुस्सा देखा जा रहा है और वह इस्तीफा देकर बीजेपी को अलविदा कह दे रहे हैं। वहीं इसी बीच कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। रानियां विधानसभा सीट से टिकट न दिए जाने को लेकर रणजीत चौटाला ने नाराजगी दिखाई है।
गुरुवार को समर्थकों के साथ मीटिंग करने के बाद चौटाला ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। साथ ही मंत्री पद भी छोड़ दिया। रणजीत चौटाला ने कहा कि, वह चुनाव जरूर लड़ेंगे और वह रानियां विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए चाहें वह किसी भी पार्टी में जाकर चुनाव लड़ें या फिर उन्हें निर्दलीय ही चुनाव क्यों न लड़ना पड़े।
डबवाली से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था
जानकारी के अनुसार, रणजीत चौटाला का कहना है कि उन्हें बीजेपी की तरफ से डबवाली से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया। क्योंकि उन्हें चुनाव केवल रानियां विधानसभा सीट से ही लड़ना था। लेकिन बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट नहीं दी। टिकट नहीं मिलने के बाद अब रणजीत चौटाला का कहना है कि, रोड शो दिखाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। मालूम रहे कि, टिकटों की घोषणा से पहले ही रणजीत चौटाला बागी सुर अलापते दिख रहे थे। रणजीत चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के बेटे हैं।
दरअसल, रणजीत चौटाला सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से इसलिए टिकट चाहते थे। क्योंकि रणजीत चौटाला के लिए रानियां सेफ सीट मानी जाती है। साथ ही इस सीट पर चौटाला अपने आप को सबसे ज्यादा मजबूत और जिताउ उम्मीदवार के तौर पर देखते हैं। इसलिए रानियां सीट से टिकट को लेकर रणजीत चौटाला मुखर हो गए। चौटाला ने हाल ही में बीजेपी पर चैलेंजिंग बयान दिया था। चौटाला ने कहा था कि, रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वरना बीजेपी अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं और पार्टी से हटकर भी मेरा अपना जनाधार है।
मसलन, रणजीत चौटाला ने तभी यह स्पष्ट रूप से कह दिया था कि भले ही बीजेपी उन्हें टिकट दे या न दे, लेकिन वे हर हाल में रानियां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। टिकट न मिलने की सूरत में वह बीजेपी से अलग होकर निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, फिलहाल चौटाला के कांग्रेस में जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, चौटाला इससे पहले कांग्रेस में जाने की बातों को अफवाह बता चुके हैं।
यहां बता दें कि रणजीत चौटाला पहले कभी कांग्रेस में ही हुआ करते थे, वह पुराने समय से कांग्रेस में रहे हैं। अब वह कांग्रेस में फिर जाने पर विचार कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों से रायशुमारी भी कर ली है। रानियां चूंकि रणजीत चौटाला के लिए सेफ सीट मानी जाती है, इसलिए कांग्रेस यानी हुड्डा भी रणजीत चौटाला को अपनी पार्टी में लेने में ज्यादा देर नहीं लगाने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे रणजीत चौटाला
रणजीत चौटाला ने साल 2019 का विधानसभा चुनाव सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय जीता था और पूरे पांच साल बीजेपी को समर्थन दिया. इसके बदले में बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के कोटे से रणजीत चौटाला को हरियाणा सरकार में बिजली व जेल मंत्री बनाए रखा। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने रणजीत चौटाला से रानियां के विधायक पद से इस्तीफा दिलवाकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया तथा आधे घंटे के बाद ही हिसार लोकसभा सीट से टिकट थमा दिया।
हालांकि हिसार से कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी चुनाव जीते और रणजीत चौटाला को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन चौटाला हार का अंतर बहुत अधिक नहीं रहा. विशेष बात यह है कि, लोकसभा चुनाव हारने तथा रानियां के विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद बीजेपी ने रणजीत चौटाला को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बिजली मंत्री बनाए रखा।