Kurukshetra- हरियाणा में कुरुक्षेत्र डिप्टी कमिश्नर को हटाया, फिर जिस IAS को चार्ज, उसका भी तबादला, अब इस IAS को लगाया

हरियाणा में DC पर DC बदले; कुरुक्षेत्र डिप्टी कमिश्नर को हटाया, फिर जिस IAS को दिया चार्ज, उसका भी तबादला, अब इस IAS को लगाया

Haryana Kurukshetra DC IAS Sushil Sarwan Transfers IAS Rajesh Jogpal News

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Kurukshetra DC Transfers: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सियासी सरगर्मी तेज है तो वहीं अधिकारियों का फेरबदल भी जारी है। इस बीच कुरुक्षेत्र जिले में एक ही डेट के अंदर DC पर DC बदले गए हैं। हरियाणा चीफ सेक्रेटरी ने सबसे पहले कुरुक्षेत्र डिप्टी कमिश्नर आईएएस सुशील सारवान को हटाया। इसके बाद 2021 बैच के आईएएस अधिकारी सोनू भट्ट को कुरुक्षेत्र का नया डीसी लगाया गया।

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लेकिन इस आदेश के बाद कुरुक्षेत्र में दूसरी बार बदली की गई। एक नए आदेश के साथ आईएएस सोनू भट्ट को भी कुरुक्षेत्र डिप्टी कमिश्नर पद से रिलीव कर दिया गया और फिर 2010 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी राजेश जोगपाल को कुरुक्षेत्र का नया डीसी लगाया गया। इस प्रकार कुरुक्षेत्र में एक ही तरीख में दो-दो बार डिप्टी कमिश्नर की तब्दीली की गई।

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IAS सुशील सारवान की मां बीजेपी उम्मीदवार

IAS सुशील सारवान की मां संतोष सारवान मुलाना से बीजेपी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी। मुलाना क्षेत्र कुरुक्षेत्र की सीमा से लगता है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत देते हुए कहा था कि, सुशील सारवान की मां संतोष सारवान को बीजेपी ने मुलाना से टिकट दिया है। ऐसे में वह अपनी अफसरशाही के दवाब से वहां वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए IAS सुशील सारवान को कुरुक्षेत्र से तुरंत प्रभाव से हटाया जाए।

ज्ञात रहे कि, इसी साल लोकसभा चुनाव-2024 में जब IAS सुशील सारवान पंचकूला डीसी पद पर तैनात थे तो चुनाव आयोग के आदेश पर सुशील सारवान को पंचकूला डीसी पद से हटाया गया था। जिसके बाद पंचकूला डीसी पद पर नई नियुक्ति की गई थी। दरअसल, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव में उतरे किसी भी उम्मीदवार के किसी रिश्तेदार की तैनाती चुनावी क्षेत्र में नहीं की जा सकती है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शेड्यूल बदला

हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 के शेड्यूल में बदलाव किया गया है। इलेक्शन कमीशन (ECI) ने नया शेड्यूल जारी किया है। जहां नए शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी थी और 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया जाना था।

हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।

रियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव

हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।

किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।

लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।

इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।