पंचकूला में कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी के काफिले पर गोलीबारी; रायपुर रानी के पास हमला, चुनावी कार्यक्रम में शामिल होने निकले थे
Haryana Kalka Congress Candidate Pardeep Chaudhary Convoy Attack Firing
Congress Pardeep Chaudhary Attack: हरियाणा के पंचकूला जिले में कालका विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी के काफिले पर गोलियां चलीं हैं। जानकारी मिल रही है कि, प्रदीप चौधरी अपने किसी चुनावी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बरवाला की तरफ आ रहे थे। जहां इसी दौरान रायपुररानी क्षेत्र के भरौली गांव के नजदीक उनके काफिले पर अचानक हमला हो गया। इस हमले में प्रदीप चौधरी बाल-बाल बचे हैं।
हालांकि, हमले के दौरान चौधरी के साथ मौजूद एक समर्थक को गोलियां लगने की खबर है. समर्थक की पहचान गोल्डी खेड़ी के रूप में बताई जा रही है। गोलियां लगने के बाद गोल्डी को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई रेफर किए जाने की सूचना है। वहीं प्रदीप चौधरी के काफिले पर हमले से जहां हरियाणा की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है तो वहीं गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
गोलियां लगने के बाद घायल समर्थक को इलाज के लिए ले जाते
हमले के पीछे कौन लोग?
कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी के काफिले पर हमला करने वाले लोगों में कौन लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि, हमले की घटना के सूचना मिलते ही सीआईए और क्राइम ब्रांच की टीम एक्शन में आ गई थी। दोनों ने संयुक्त ऑपरेशन में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनकी संलिप्तता इस हमले में बताई जा रही है. इनसे पूछताक्ष की जा रही है। हमले के पीछे किसी गैंग से भी तार जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि, प्रदीप चौधरी के काफिले का पीछा करके हमले को अंजाम दिया गया। इसके बाद हमलावार फरार हो गए। हमलावार बाइक पर आए थे।
कालका सीट पर कांग्रेस का दबदबा
पंचकूला जिले में आने वाली हरियाणा की कालका विधानसभा सीट से प्रदीप चौधरी ने 2019 में बीजेपी उम्मीदवार लतिका शर्मा को हराकर जीत हासिल की थी और यहां से दूसरी बार विधायक बने थे। इस बार चौधरी का मुक़ाबला बीजेपी की शक्ति रानी से है। कालका विधान सभा सीट पर 1967 से लेकर 2019 तक कुल 14 चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर पहली बार 1967 में विधानसभा चुनाव हुआ। पहली बार हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी एल सिंह ने जीत दर्ज की थी।
हालांकि कांग्रेस का इस इलाके में लंबे समय तक दबदबा रहा है। 1993 से लेकर 2009 तक 4 बार चंद्रमोहन ने कांग्रेस से कालका सीट पर विधायक बने। यहां के लोगों पर चौधरी भजनलाल का काफी प्रभाव था। यही वजह थी कांग्रेस यहां से 8 बार जीत दर्ज की। बात अगर यहां पर बीजेपी की करें तो 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल कर अपना खाता खोला था। लेकिन 2019 में कांग्रेस के प्रदीप चौधरी ने इस सीट पर फिर से जीत हासिल कर ली और कांग्रेस की एक बार फिर वापसी हुई।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव-2024 के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 के शेड्यूल में बदलाव किया गया है। इलेक्शन कमीशन (ECI) ने नया शेड्यूल जारी किया है। जहां नए शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी थी और 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया जाना था।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।
इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।