हरियाणा में JJP के 3 और विधायकों ने इस्तीफा सौंपा; पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली का भी नाम, चुनाव की घोषणा होते ही पार्टी में भूचाल
Haryana JJP MLA Devendra Singh Babli Along Three MLAs Resigns
Haryana JJP MLAs: हरियाणा में बीते कल यानि 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव-2024 को लेकर शेड्यूल की घोषणा की जा चुकी है। जहां इसके बाद से ही जननायक जनता पार्टी (JJP) में भूचाल सा आ गया है। जेजेपी के विधायक पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं। इस तरह से जेजेपी में इस्तीफ़ों की झड़ी लग गई है। चुनाव की घोषणा के बाद जहां सबसे पहले पूर्व मंत्री और उकलाना से विधायक अनूप धानक (Anoop Dhanak) ने इस्तीफा दे डाला तो वहीं इसके बाद अब एक-एक करके 3 और विधायकों ने अपना इस्तीफ़ा पार्टी नेतृत्व को सौंप दिया है।
इस्तीफा देने वाले इन 3 विधायकों में टोहाना से विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली (Devendra Singh Babli), शाहबाद से विधायक रामकरण काला (Ramkaran Kala) और गुहला से विधायक ईश्वर सिंह (Ishwar Singh) हैं। इन सभी विधायकों ने पार्टी के सभी पदों और दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी नेतृत्व से इस्तीफा स्वीकार करने को कहा है। ये इस्तीफे ऐसे समय पर सामने आए हैं जब चुनाव की घोषणा होने पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि मेरा सभी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और मतदाताओं से निवेदन है कि आपसी मन-मुटाव को भूल कर यह समय एक नई शुरुआत का, नये मनोबल के साथ आगे बढ़ने का है।
देवेंद्र सिंह बबली बनाए गए थे कैबिनेट मंत्री
देवेंद्र सिंह बबली टोहना से विधायक हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को भारी वोटों के अंतर से चुनाव हराया था। वहीं जेजेपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार में देवेंद्र सिंह बबली को 28 दिसंबर 2021 को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उनके पास दो पोर्टफोलियो थे। बबली को पंचायती राज विभाग भी दिया गया था।
अनूप धानक भी बनाए गए थे मंत्री
अनूप धानक उकलाना से विधायक हैं और 2019 चुनाव में उन्होंने बीजेपी की आशा खेदर को हराया था। धानक उन चार विधायकों में शामिल थे जिन्होंने इंडियन नेशनल लोक दल में बिखराव के बाद जेजेपी ज्वाइन की थी। धानक को जेजेपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार में पुरातत्व और संग्रहालय और श्रम और रोजगार के लिए स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में नामित किया गया था।
शादबाद विधायक रामकरण का इस्तीफा
गुहला विधायक ईश्वर सिंह का इस्तीफा
हरियाणा में 1 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग
हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक फेज में होगा। हरियाणा में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 16 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट एकसाथ 4 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं।
वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।
इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।