Haryana government strict on corruption

भ्रष्टाचार पर सख्त हरियाणा सरकार, देखें मुख्यमंत्री ने किया लिया एक्शन

Haryana government strict on corruption

Haryana government strict on corruption

Haryana government strict on corruption- हरियाणा के (CS Sanjeev Kaushal) मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में (Corruption) भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए (Government) सरकार राज्य सतर्कता ब्यूरो को मजबूत कर रही है। (Departments) विभागों में मामलों की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। इतना ही नहीं, जिन विभागों में ऐसे मामले लंबित पड़े हैं, उन पर विभाग जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। श्री कौशल ने कहा कि वर्ष 2018 से अब तक ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल (CVO) सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है, से संबंधित विभिन्न विभागों में 195 मामले लंबित हैं। इसके अलावा, (Vigilance) विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में 118 मामले लंबित हैं। सभी विभाग ऐसे मामलों पर अपने स्तर पर जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें और सरकार को रिपोर्ट सौंपे और वर्ष 2018 के लंबित मामलों को पहले निपटाएं।

श्री कौशल आज यहां विभिन्न विभागों के (Administrative Secretaries) प्रशासनिक सचिवों के साथ (Vigilance Department) विजिलेंस विभाग द्वारा विभागों को प्रेषित मामलों पर (Action Taken Report) एक्शन टेकन रिपोर्ट के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। श्री संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विजिलेंस की ओर से 4 प्रकार की शिकायतें विभागों को भेजी जाती हैं। पहली- वे शिकायतें, जिन पर संबंधित विभाग के (Administrative Secretaries) प्रशासनिक सचिव मामले की गंभीरता के अनुरूप कार्रवाई करने का निर्णय ले सकते हैं। दूसरी- ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है। तीसरी- विभागीय स्तर पर मामलों की जांच के मामले में की जाने वाली र्कारवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजना। चौथी- विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर सतर्कता विभाग की स्वीकृति के पश्चात संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई। ऐसे सभी श्रेणियों में विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई करना जारी रखें।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ मामलों में (State Vigilance Bureau) राज्य सतर्कता ब्यूरो की जो रिपोर्ट आती है, उस रिपोर्ट के आधार पर विभागों को आगामी कार्रवाई जैसे विभागीय कार्रवाई, जुर्माना लगाना इत्यादि सुनिश्चित करनी होती है। चूंकि, (SVB) एसवीबी की रिपोर्ट सतर्कता विभाग व (Chief Minister) मुख्यमंत्री से अनुमोदित होती हैं, इसलिए ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

Haryana government strict on corruption- भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति राज्य सरकार का ध्येय

(Kaushal) श्री कौशल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में यह देखने को मिलता था कि कुछ अधिकारी विभागों में ऐसे मामलों को दबा लेते थे और कई मामलों में आगामी कार्रवाई करने में देरी करते थे। लेकिन प्रदेश में (Corruption) भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति अपनाते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में (Corruption) भ्रष्टाचार मामलों की समीक्षा हेतू हाई पॉवर कमेटी का गठन किया है। (Chief Minister) मुख्यमंत्री स्वयं भी ऐसे मामलों की समीक्षा करते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो, इस‌के लिए सभी विभागों को अथक प्रयास करने होंगे, क्योंकि यह बेहद गंभीर विषय है।

Haryana government strict on corruption- सरकार विजिलेंस विभाग को कर रही मजबूत, सीवीओ व डिप्टी सीवीओ किए जाएंगे नियुक्त

(CS) मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार (Vigilance Department) विजिलेंस विभाग को मजबूत कर रही है। विभागों में मामलों की जांच के लिए (Chief Vigilance Officer) मुख्य सतर्कता अधिकारी नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सेवानिवृत ‌(IAS Officer) आईएएस अधिकारी, केंद्रीय और स्टेट सर्विस में रहे अधिकारियों को लगाया जाएगा। इसके लिए मापदंड तय कर लिये गए हैं और मुख्यमंत्री के (chief principal secretary) मुख्य प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा चुका है, जो सीवीओ के लिए अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट करेगी। इसके अलावा, डिप्टी सीवीओ भी लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं, सीवीओ को संबंधित विभाग से बाहर भी स्टाफ चुनने का अधिकार होगा, ताकि जांच या कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से पूरी हो।

Haryana government strict on corruption- पोर्टल होगा विकसित, विभाग अपलोड कर सकेंगे एटीआर

(CS) मुख्य सचिव ने कहा कि (administrative secretaries) प्रशासनिक सचिवों के पास यह एक अत्याधुनिक टूल है, जिससे वे निरंतर ऐसे मामलों की निगरानी कर सकते हैं। इसलिए सभी (administrative secretaries) प्रशासनिक सचिव समय-समय पर ‌अपने विभागों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा, जिस पर विभाग उपरोक्त 4 प्रकार के मामलों में एक्शंन टेकर रिपोर्ट (एटीआर) अपलोड कर सकेंगे। इससे रियल टाइम डाटा उपलब्धि होगा कि किस विभाग में किस स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित है।

बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री महावीर सिंह, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी अनुपमा, जनस्वास्थ्य  अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एके सिंह, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क और उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री विजेंद्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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