हरियाणा सरकार ने फीस वृद्धि कानून पर जारी की अधिसूचना

हरियाणा सरकार ने फीस वृद्धि कानून पर जारी की अधिसूचना

हरियाणा सरकार ने फीस वृद्धि कानून पर जारी की अधिसूचना

हरियाणा सरकार ने फीस वृद्धि कानून पर जारी की अधिसूचना

एक दुकान से कपड़े व स्टेशनरी खरीद के नहीं कर सकेंगे बाध्य


पांच साल से पहले नहीं बदल सकेंगे वर्दियां


केवल बोर्ड परीक्षाओं की ली जाएगी परीक्षा फीस


चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी पर काबू पाने के लिए नया कानून लागू कर दिया है। अब निजी स्कूल संचालन न तो अपनी मर्जी से फीस बढ़ा सकेंगे और न ही विद्यार्थियों को वर्दियां तथा स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए बाध्य कर सकेंगे।  
इसके बावजूद अगर कोई भी संस्था तीन बार दोषी पाए जाने वाले शिक्षण संस्थान की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। फीस वृद्धि कानून लागू करने के बाद शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें मुख्य रूप से मुनाफाखोरी को परिभाषित करते हुए स्पष्ट किया गया है कि कोई भी निजी शिक्षण संस्थान छात्र या अभिभावक से नियम 158 के उपनियम (1) के अनुसार यथा अवधारित फीस से अधिक प्रभारित कैपिटेशन फीस नहीं ले सकेगा। नई अधिसूचना के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त विद्यालय मेें फीस संग्रहण की प्रक्रिया, खुली, पारदर्शी और दायित्वाधीन होगी। 
छात्रों से फीस चैक/डीडी/आरटीजीएस/एनईएफटी/किसी अन्य डिजिटल माध्यम से ली जाएगी। इसके साथ ही कोई भी विद्यालय छमाही या वार्षिक आधार पर फीस का अनिवार्य संग्रहण नहीं कर सकेगा। फीस की स्थिति को भी स्पष्ट कर दिया है। जिसके अनुसार केवल
पंजीकरण के समय एक बार भुगतान योग्य विवरणिका और पंजीकरण फीस, विद्यालय
में नए प्रवेश के समय कक्षा प्रथम, छठी, नौवीं व 11वीं कक्षा में दाखिले
के समय पर भुगतान योग्य दाखिला फीस ली जा सकेगी। 
परीक्षा फीस केवल बोर्ड परीक्षा के लिए ही ली जा सकेगी। अधिसूचना में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान किसी भी छात्र को अनुशंसित दुकान से पुस्तकें, कार्य पुस्तिकाएं, लेखन सामग्री, जूते, मौजे, वर्दी इत्यादि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। कोई भी संस्थान लगातार 5 शैक्षिणक वर्षों से पहले अपनी वर्दी में बदलाव नहीं करेगा। छात्र, अभिभावक जिला समिति को शिकायत मिलने के लिए तीन माह के अंदर निपटारा करना होगा।