हरियाणा सरकार ने दस गुणा बढ़ाया विकास शुल्क
हरियाणा सरकार ने दस गुणा बढ़ाया विकास शुल्क
‘‘रिवाईज़्ड बिल्डिंग प्लान’’ में भी लागू होंगी नई दरें
रणदीप सुरजेवाला ने सार्वजनिक किया सरकार का आदेश पत्र
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के निकाय क्षेत्रों में विकास शुल्क दस गुणा तक बढ़ा दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी पत्र को सार्वजनिक करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को घेर लिया है।
आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा बनने के 48 साल बाद 2014 में जब भाजपा सरकार बनी तो प्रदेश पर 68,000 करोड़ का कर्ज था, जो पिछले साढे सात साल में दो लाख करोड़ को पार कर चुका है। जीएसटी और पेट्रोल-डीज़ल की लूट तथा उससे पैदा हुई महंगाई के चलते उद्योग-धंधे ठप हैं। गठबंधन सरकार मरहम लगाने की बजाए अनाप-शनाप टैक्स लगाकर हरियाणवियों को घाव देने में जुटी है।
सुरजेवाला ने कहा कि 18 फरवरी जारी किए गए एक पत्र के अनुसार अब नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगमों में ‘‘विकास शुल्क’’ दस गुना बढ़ाकर ‘‘कलेक्टर रेट’’ का पांच प्रतिशत कर दिया गया है। यानि अब 100 वर्ग गज के मकान का नक्शा पास करवाने के लिए भी डेढ से दो लाख तक फीस देनी पड़ेगी। इससे पहले कांग्रेस सरकार में ‘‘विकास शुल्क’’ नगर पालिका में 30 रुपये प्रति वर्ग गज, नगर परिषद में 50 रुपये प्रति वर्ग गज, नगर निगम में 100 रुपये प्रति वर्ग गज तथा फरीदाबाद व गुरुग्राम में 150 रुपये प्रति वर्ग गज था।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के नए फैसले के अनुसार अगर किसी शहरी ने पहले से ही मकान बना और नक्शा पास करवा ‘‘विकास शुल्क’’ दे रखा है और यदि वह ‘‘रिवाईज़्ड बिल्डिंग प्लान’’ या ‘‘ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट’’ के लिए आवेदन देगा, तो उसे भी पहले से जमा किया गया विकास शुल्क काटकर नई बढ़ी दरों पर, यानि कलेक्टर रेट पर ‘‘विकास शुल्क’’ जमा करवाना पड़ेगा।
जो इलाके पहले नगर पालिका की सीमा में नहीं आते थे और जहां पहले से ही लोगों ने मकान, दुकान इत्यादि का निर्माण कर रखा है और अब नगर पालिका की बढ़ी हुई सीमा में आ गए हैं, तथा इनमें से कोई मकान मालिक या दुकान मालिक किसी प्रकार की बिल्डिंग प्लान या ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के लिए दरख्वास्त देगा, तो उसे भी कलेक्टर रेट पर पूरा ‘‘विकास शुल्क’’ जमा करवाना पड़ेगा। स्टांप ड्यूटी पहले ही बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दी है।
परिषद व निगम के गांवों में भी विकास शुल्क
हरियाणा सरकार द्वारा जारी पत्र के अनुसार गांव के लाल डोरा में जो मकान, दुकान इत्यादि नगर परिषद या नगर निगम की सीमा में आ जाते हैं, पहले उन पर ‘‘विकास शुल्क’’ नहीं लगता था। अब लाल डोरा में आने वाली संपत्तियों पर भी कलेक्टर रेट पर ‘‘विकास शुल्क’’ देना पड़ेगा। जब-जब ‘‘कलेक्टर रेट’’ बढ़ेगा, हरियाणा के शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों द्वारा देय ‘‘विकास शुल्क’’ अपने आप बढ़ जाएगा।