ओमप्रकाश चौटाला ने कहा था- 115 साल जिऊंगा; शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल जेल की सजा हुई, कभी सिर्फ 5 तो कभी 15 दिन रहे CM
Haryana Ex CM Om Prakash Chautala Passes Away at Age 89 Life Story
Om Prakash Chautala Died: हरियाणा के 5 बार के मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का आज शुक्रवार को निधन हो गया है। चौटाला ने गुरुग्राम में अंतिम सांस ली। चौटाला की उम्र इस समय 89 साल थी। वह उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। ओमप्रकाश चौटाला का निधन हरियाणा की राजनीति को बड़ा झटका है। चौटाला की गिनती हरियाणा ही नहीं देश की दिग्गज राजनीतिक शख्सियतों में होती थी। ओमप्रकाश चौटाला के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
जब ओमप्रकाश चौटाला ने कहा था- मैं 115 साल जिऊंगा
हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला की बड़ी सक्रिय भूमिका रही। बढ़ती उम्र और बुढ़ापे के बावजूद भी चौटाला ने राजनीति से आराम नहीं लिया और अपनी पार्टी के लिए अपनी सक्रियता कायम रखी। बताया जाता है कि, पिछले दिनों हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी चौटाला ने पार्टी के लिए काफी सक्रिय भूमिका निभाई। ओमप्रकाश चौटाला ने कहा था कि, मेरी 89 साल की उम्र है और मैं अभी ठीक-ठाक हूं। उस दौरान चौटाला ने यह भी कह दिया था कि, मैं 115 साल तक जिऊंगा।
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल जेल की सजा हुई
हरियाणा में लंबे वक्त तक सत्ता संभालने वाले ओमप्रकाश चौटाला आरोपों के घेरे भी रहे। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला को दोषी भी ठहराया गया था। 2004 में सीबीआई ने इस घोटाले को लेकर ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला सहित और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने साल 2013 में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को दोषी ठहराकर 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। चौटाला देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हुए जिनको अदालत में दोषी ठहराया गया।
तिहाड़ जेल में बंद रहे थे ओमप्रकाश चौटाला
सजा मिलने के बाद ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रखा गया। चौटाला ने सीबीआई अदालत के सजा वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी। वहीं 2018 में चौटाला ने विशेष माफी नियम के तहत दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इस नियम में 60 साल या उससे ऊपर के जिन कैदियों ने अपनी आधा सजा काट ली है। उन्हें रिहा किया जाना था।
ऐसे में ओमप्रकाश चौटाला की आधे से ज्यादा सजा पूरी हो चुकी थी और उस समय उनकी उम्र भी 83 साल थी। इसलिए ओम प्रकाश चौटाला को सजा में माफी मिल गई। 2 जुलाई 2021 को सजा पूरी होने से पहले उन्हें रिहा कर दिया गया। उस दौरान ओम प्रकाश चौटाला की की रिहाई से उनके समर्थक भारी खुशी की लहर दौड़ गई थी। माना जाने लगा था कि ओम प्रकाश चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा की राजनीति में बदलाव आएगा।
आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 साल की सजा हुई
ओमप्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति मामले में भी 4 साल की सजा हुई थी। 27 मई 2022 को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार देते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने चौटला को चार साल की सजा सुनाई थी और साथ ही 50 लाख के भारी जुर्माने के साथ कुछ संपत्तियां भी जब्त करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने बताया था कि, चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच आय से काफी अधिक करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई है। सजा के इस फैसले के खिलाफ ओम प्रकाश चौटाला ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हरियाणा की राजनीति में व्यापक भूमिका निभाई
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के छठे उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे। ओमप्रकाश चौटाला को अपने पिता से ही विरासत में राजनीति मिली थी। उनके पिता चौधरी देवीलाल चौटाला ने हरियाणा राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका हरियाणा समेत देश की राजनीति में लंबे समय तक व्यापक दखल रहा।
इसीलिए ओमप्रकाश चौटाला की पहचान हरियाणा एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले नेता के रूप में भी रही। वे ऐसे गिने-चुने नेताओं में शुमार थे, जिन्हें विरासत राजनीतिक मिली। वहीं हरियाणा की राजनीति में एक दशक से भी ज्यादा समय तक ओमप्रकाश चौटाला का दबदबा रहा। ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा के विकास में अहम भूमिका निभाई। वो ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के बहुत बड़े प्रशंसक थे। सत्ता में रहते हुए या विपक्ष में रहते हुए भी उनकी नीतियों और भाषणों में हमेशा ग्रामीण क्षेत्र और किसान की तस्वीर झलकती थी।
ओपी चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने
ओमप्रकाश चौटाला का जाना हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत है। हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का अहम योगदान रहा। ओमप्रकाश चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। जबकि वह 7 बार विधायक रहे। ओम प्रकाश चौटाला 1970 में पहली बार ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। चौटाला परिवार को राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला की कमी हमेशा खलती रहेगी। ओमप्रकाश चौटाला के निधन (OP Chautala Died) से चौटाला परिवार को गहरा धक्का लगा है।
कभी सिर्फ 5 तो कभी 15 दिन रहे CM
ओम प्रकाश चौटाला भले ही कुल पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हों लेकिन वह सिर्फ एक बार ही पांच साल का कार्यकाल पूरा सके। दरअसल, 2 दिसंबर 1989 को जब पिता देवीलाल केंद्र में उप-प्रधानमंत्री बने। तब उन्होंने अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा के मुख्यमंत्री का पद दिया। इस प्रकार ओमप्रकाश चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 को हरियाणा के सीएम बने और 22 मई 1990 तक (लगभग 171 दिनों) तक सीएम पद पर रहे।
1990 में दूसरी हरियाणा सीएम बने ओपी चौटाला
ओपी चौटाला 12 जुलाई 1990 को दूसरी हरियाणा सीएम बने और 17 जुलाई 1990 तक (पांच दिन) सीएम पद पर रहे। इसी प्रकार फिर ओमप्रकाश चौटाला 22 मार्च 1991 को तीसरी बार हरियाणा के सीएम बने और 6 अप्रैल 1991 (15 दिनों) तक सीएम पद पर रहे। वहीं ओम प्रकाश चौटाला चौथी बार 24 जुलाई 1999 को हरियाणा सीएम बने। जबकि उन्होंने पांचवी और आखिरी बार 2 मार्च 2000 को हरियाणा सीएम की कुर्सी संभाली।
इस बार ओमप्रकाश चौटाला ने पहली बार बतौर हरियाणा सीएम पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। वह 5 मार्च 2005 तक हरियाणा सीएम रहे। लेकिन इसके बाद फिर कभी भी ओम प्रकाश चौटाला की सत्ता हरियाणा में नहीं आई. 2005 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा था और वो महज नौ सीटों पर सिमट गई थी। ओमप्रकाश चौटाला के बाद उनके बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला ने उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है। देवीलाल की चौथी पीढ़ी यानी ओपी चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला भी राजनीति में सक्रिय हैं।
आज इनेलो के अपने अस्तित्व पर संकट
आज हाल ये है कि, इनेलो के अपने अस्तित्व पर भी संकट है। ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव-2024 में इनेलो को सिर्फ दो सीटें नसीब हुई थीं। जबकि हरियाणा में पिछले तीन चुनावों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है, उससे पहले कांग्रेस पार्टी ने दस साल तक राज्य में शासन किया।
चौटाला के निधन पर राजनीतिक शोक
चौटाला के निधन से राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। हरियाणा के साथ-साथ देश के तमाम बड़े-छोटे नेता ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर गहरा दुख व्यक्त कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित तमाम नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, '''हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति।''
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, ''इनेलो सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है। मैं गहरा शोक व्यक्त करता हूं। उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है।''
सैनी ने कहा, ''उनकी कमी को पूरा कर पाना मुश्किल है। यह देश और हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने जीवन भर प्रदेश और समाज की सेवा की। हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा...वे एक दूरदर्शी नेता थे।''
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुख जताते हुए कहा, ''ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति में वे बहुत लंबे समय तक साथ रहे. विधानसभा में भी हम साथ रहे. उन्होंने अपने जीवन काल में जनता की सेवा की है. अभी तो वे राजनीति में भी सक्रिय थे. वे अच्छे व्यक्ति थे. हमारे संबंध अच्छे थे. वे मेरे बड़े भाई की भूमिका में थे।''
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन का समाचार दुःखद है. उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया. दुःख की इस घड़ी में हम उनके परिवार व समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवगंत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।''
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और INLD प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर JDU नेता के.सी. त्यागी ने कहा, ''उनका निधन लाखों-करोड़ों उनके प्रशंसकों के लिए अपूरणीय क्षति है। आज हरियाणा के किसान बेसहारा हो गए हैं, जब उनको चौटाला जी के नेतृत्व और निर्देशन की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी..."