हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा एक्शन; बागी दिग्गज नेता राजेश जून को पार्टी से निकाला, अंबाला कैंट उम्मीदवार चित्रा सरवारा पर भी कार्रवाई
Haryana Congress Expelled Bahadurgarh Independent Candidate Rajesh Joon
Haryana Congress Rajesh Joon: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लिया है। कांग्रेस ने बागी दिग्गज नेता राजेश जून को पार्टी से बाहर निकाल दिया है। जून को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद 6 साल के लिए निष्काषित किया गया है। दरअसल, बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद राजेश जून निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने राजेश जून को चुनाव लड़ने से मना किया था। लेकिन वह नहीं माने।
फिलहाल, अब कांग्रेस ने राजेश जून पर कार्रवाई की और उन्हें लेकर निष्कासन का पत्र जारी कर दिया। इससे पहले कांग्रेस ने इसी तरह अंबाला कैंट उम्मीदवार चित्रा सरवारा पर भी कार्रवाई की थी। कांग्रेस ने हाल ही में चित्रा सरवारा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया था। चित्रा सरवारा पर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया था। चित्रा सरवारा भी अंबाला कैंट से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं हैं और बीजेपी उम्मीदवार अनिल विज को कड़ी टक्कर देती नजर आ रहीं हैं।
राजेश जून ने पहले ही इस्तीफे का ऐलान किया
हालांकि, टिकट न मिलने के बाद राजेश जून ने पहले ही कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस ने इस एक्शन को लेकर राजेश जून का कहना है कि, वह पहले ही पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं और अब निर्दलीय चुनाव लड़कर जनता की सेवा करना चाहते हैं। उनका कहना है कि बहादुरगढ़ की जनता के हित में उन्होंने यह निर्णय लिया है और वह चुनावी मैदान में डटे रहेंगे।
बता दें कि, कांग्रेस ने बहादुरगढ विधानसभा सीट से राजेन्द्र जून को टिकट दी है। मगर राजेश जून बहादुरगढ़ विधानसभा से कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने मौजूदा विधायक राजेंद्र जून को प्राथमिकता दी और राजेश जून को उम्मीदवार नहीं बनाया। जिसके बाद राजेश जून ने अपने समर्थकों के साथ रजामंदी करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था।
दरअसल, उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद पार्टियों को अपने बागी नेताओं की सिरदर्दी भी झेलनी पड़ी। कांग्रेस के खेमे में भी बगावत की स्थिति पैदा हुई। टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई नेता टिकट न मिलने से नाराज हो गए और इस्तीफा देने लगे। वहीं इस्तीफा देते हुए राजेश जून ने कहा था कि, कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया है। मुझे टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन टिकट नहीं मिला। राजेश जून ने कहा कि, मुझे यूज करके फेंका गया। मेरी हालत यूज एंड थ्रो वाली की गई।
ऐसा चुनाव लड़ूँगा, पूरी हरियाणा में जिक्र होगा
टिकट न मिलने के बाद राजेश जून ने अपने समर्थकों के साथ सभा की थी। जिसमें उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी। राजेश जून ने समर्थकों से कहा था कि, मैं तभी चुनाव लड़ूँगा, जब समर्थक मुझे पूरी तरह से इजाजत देंगे और तन-मन-धन से मेरी 24 घंटे मदद करेंगे। राजेश जून ने मैं अब बहादुरगढ से ऐसा चुनाव लड़ूँगा कि जिसका जिक्र पूरी हरियाणा में होगा। कांग्रेस के प्रत्याशी से दोगुना ज्यादा वोट हासिल करूंगा।
पहले भी की थी बगावत
इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भी राजेन्द्र जून को टिकट मिलने के बाद राजेश काफी नाराज थे। उस दौरान भी उन्होंने बहादुरगढ़ सीट से पर्चा दाखिल कर दिया था। हालांकि तब भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बीच में दखल दिया और राजेश ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया था। मगर इस बार उन्होंने पार्टी छोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का फाइनल फैसला कर लिया।