IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF| RPF के DG बने IPS मनोज यादव, हरियाणा के DGP रह चुके, IB में लंबा समय बिताया

हरियाणा कैडर के IPS मनोज यादव को बड़ी जिम्मेदारी; केंद्र सरकार ने अब यहां DG बनाया, हरियाणा के DGP रह चुके, IB में लंबा समय बिताया

IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF

Haryana Cadre IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF

IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF: हरियाणा कैडर से 1988 बैच के सीनियर आईपीएस मनोज यादव को केंद्र में नई नियुक्ति मिली है। केंद्र सरकार ने आईपीएस मनोज यादव को अब रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानि RPF का DG नियुक्त किया है। केंद्र से जारी आदेश के मुताबिक, मनोज यादव RPF DG का चार्ज संभालने से 31 जुलाई 2025 अपनी रिटायरमेंट या अगले आदेशों तक इस पद पर बने रहेंगे। RPF DG का चार्ज का अब तक आईपीएस संजय चंदर के पास था। लेकिन आईपीएस संजय का कार्यकाल 31 जुलाई को पूरा हो रहा है।

 IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF
IPS Manoj Yadav Appointed DG RPF

 

काफी चर्चित IPS हैं मनोज यादव

अगर आईपीएस मनोज यादव की बात करें तो वह काफी चर्चित हैं। हरियाणा कैडर के आईपीएस होते हुए भी मनोज यादव ने अपनी सेवा ज़्यादातर केंद्र में दी। केंद्र सरकार ने यादव को वर्ष 2003 में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) में संयुक्त निदेशक के पद पर नियुक्त किया था। यादव ने आइबी में काफी लंबे समय तक काम किया और कुशलता दिखाई। लेकिन साल 2019 में हरियाणा सरकार ने मनोज यादव को केंद्र से वापस बुला लिया और 21 फरवरी 2019 को हरियाणा के DGP पद दो साल के लिए नियुक्त कर दिया।

हरियाणा में गृह मंत्री अनिल विज से हुई तनातनी

हरियाणा के डीजीपी रहते आईपीएस मनोज यादव की चर्चा उस वक्त ज्यादा बढ़ गई। जब हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के साथ यादव की सीधे तौर पर तनातनी हो गई। यादव के प्रति गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी लगातार बढ़ती गई। आलम यह रहा कि, विज ने गृह मंत्रालय को मनोज यादव की एक रिपोर्ट भेजी और यदाव को एक अक्षम अधिकारी बता डाला। हालांकि, गृह मंत्री अनिल विज को झटका उस वक्त लगा। जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल के फैसले के तहत हरियाणा सरकार की तरफ से आईपीएस मनोज यादव के डीजीपी पद पर कार्यकाल बढ़ाने की मांग गृह मंत्रालय से की गई।

वहीं गृह मंत्रालय ने भी हरियाणा सरकार की मांग स्वीकार करते हुए हरियाणा डीजीपी के तौर पर यादव का कार्यकाल 20 फरवरी 2021 के बाद से 1 साल के लिए और बढ़ा दिया। जबकि मनोज यादव का कार्यकाल पूरा होने के बाद गृहमंत्री अनिल विज इस पद पर अन्य आइपीएस अधिकारी की नियुक्ति चाहते थे। गृहमंत्री अनिल विज ने मनोज यादव के बढ़े कार्यकाल पर आपत्ति जताई।

मनोज यादव ने खुद बढ़ा हुआ कार्यकाल पूरा नही किया

गृहमंत्री अनिल विज से गहराए विवाद के बीच मनोज यादव ने अपना बढ़ा हुआ कार्यकाल पूरा नहीं किया। यादव ने जून 2021 में ही एक लेटर लिखकर सरकार से केंद्र में दोबारा जाने की अनुमति मांगी। मनोज यादव ने तब कहा था कि, पिछले 28 महीनों से मैंने हरियाणा के नागरिकों की सेवा में डीजीपी के रूप में क्षमता के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। लेकिन अब मैं कॅरियर और पारिवारिक आवश्यकताओं के कारण केंद्र सरकार में वापस जाना चाहता हूं और अपना अगला कार्यकाल आइबी में पूरा करना चाहता हूं। मैं हरियाणा सरकार से वापस जाने की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं। बता दें कि, मनोज यादव ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में अतिरिक्त निदेशक के पद पर वापस लौटने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने भी उन्हें रिलीव क्जर दिया और यादव वापिस केंद्र में चले गए।

मनोज यादव का नाम हरियाणा DGP पद के लिए फिर से चल रहा था

बतादें कि, आईपीएस मनोज यादव के जाने के बाद आईपीएस पीके अग्रवाल हरियाणा DGP पद पर नियुक्त हुए थे। लेकिन बीते दिनों उनका कार्यकाल पूरा हो गया। वर्तमान में सरकार ने पीके अग्रवाल का कार्यकाल 15 अगस्त तक बढ़ा रखा है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने 10 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का पैनल तैयार करके यूपीएससी को भेजा है। इनमें आरसी मिश्रा, मोहम्मद अकील, शत्रुजीत कपूर, देशराज सिंह, आलोक कुमार राय, एसके जैन, ओम प्रकाश सिंह, अजय सिंघल, आलोक मित्तल और अरशिंदर सिंह चावला जैसे नाम शामिल हैं। पैनल मे मनोज यादव के नाम की भी चर्चा थी लेकिन मनोज यादव ने डीजीपी पद लिए अनिच्छा जाहिर कर दी। वहीं अब मनोज यादव के नाम पर पूर्ण रूप से विराम भी लग चुका है क्योंकि केंद्र ने उन्हें अब आरपीएफ़ का डीजी बना दिया है।

हरियाणा सरकार के पैनल में यूपीएससी ने खामियां गिनाईं

इधर आपको यह भी बता दें कि, हरियाणा सरकार ने डीजीपी पद के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का जो पैनल हरियाणा सरकार को भेजा है उसमें यूपीएससी ने खामियां निकाल दी हैं। आईपीएस मनोज यादव के मना करने पर यूपीएससी ने कहा है कि हरियाणा को पैनल में आईपीएस मनोज यादव का इंटेग्रिटी सर्टिफिकेट, एसीआर डोजियर और बायोडाटा भेजना चाहिए था। जबकि सरकार की ओर से भेजे गए पैनल में सिर्फ इतना लिख दिया गया कि IPS मनोज यादव डीजीपी के लिए अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं, इसलिए उनके दस्तावेज नहीं भेजे जा रहे हैं।

दूसरी कमी में यूपीएससी ने कहा है कि, पैनल तैयार करने के लिए आयोग को भेजी गई एसीआर नियमानुसार वैध है। इसका प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया। तीसरी कमी में आयोग ने लिखा है कि सरकार की ओर से भेजे गए पैनल में यह प्रमाण पत्र भी नहीं भेजा गया जिसमें अफसरों की एसीआर में कोर्ट के निर्देश, सरकार की ओर से भेजे गए निर्देश डोजियर और एसीआर में शामिल कर लिए गए हैं। आपको बता देंकि, हरियाणा सरकार की तरफ से यूपीएससी को जो पैनल गया है कि, उनमें तीन आईपीएस अफसरों का पैनल हरियाणा के पास वापस आएगा। इन्हीं तीन अफसरों में किसी एक को हरियाणा सरकार को प्रदेश का डीजीपी नियुक्त करना होगा।