Ranjit Singh Chautala- हरियाणा में BJP मंत्री के बागी तेवर; रणजीत चौटाला ने भाजपा पर दिया चैलेंजिंग बयान
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हरियाणा में BJP मंत्री के बागी तेवर; रणजीत चौटाला ने भाजपा पर दिया चैलेंजिंग बयान, सीट पर टिकट को लेकर घमासान! क्या कहा?

Haryana BJP Minister Ranjit Singh Chautala Rania Assembly Seat Ticket

Haryana BJP Minister Ranjit Singh Chautala Rania Assembly Seat Ticket

Ranjit Singh Chautala: हरियाणा में 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव-2024 के लिए शेड्यूल जारी किया जा चुका है। जहां इसी के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ी हुई है। चुनाव में जीत की बिसात बिछाने के साथ सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने को लेकर दलों में गहन मंथन चल रहा है। लेकिन इस बीच टिकटों की घोषणा से पहले ही नेता बागी सुर अलापते दिख रहे हैं। इस समय बागी तेवर अपनाने को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में हरियाणा के बिजली मंत्री और बीजेपी नेता रणजीत सिंह चौटाला हैं। जो कि पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के बेटे भी हैं।

दरअसल, रणजीत चौटाला सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से टिकट चाहते हैं। रणजीत चौटाला के लिए रानियां सेफ सीट मानी जाती है। साथ ही इस सीट पर चौटाला अपने आप को सबसे ज्यादा मजबूत और जिताउ उम्मीदवार के तौर पर देखते हैं। इसलिए रानियां सीट से टिकट को लेकर रणजीत चौटाला मुखर हो गए हैं। अब तो चौटाला ने अपनी ही पार्टी बीजेपी पर चैलेंजिंग बयान भी दे दिया है। चौटाला ने कहा है कि, रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वरना बीजेपी अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं और पार्टी से हटकर भी मेरा अपना जनाधार है।

मसलन, रणजीत चौटाला ने यह भी स्पष्ट रूप से कह दिया कि भले ही बीजेपी उन्हें टिकट दे या न दे, लेकिन वे हर हाल में रानियां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। टिकट न मिलने की सूरत में वह बीजेपी से अलग होकर निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, इसके अलावा चौटाला के कांग्रेस में जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, चौटाला कांग्रेस में जाने की बातों को अफवाह बता चुके हैं। उनका कहना है कि, वह बीजेपी में हैं और आगे भी बीजेपी में रहेंगे। फिलहाल, चौटाला का ये बयान बीजेपी के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी में सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर घमासान बढ़ सकता है। चर्चा है कि, इस बार कई विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे जाने की तैयारी है।

रानियां सीट को लेकर चौटाला क्यों हुए बागी?

दरअसल, गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। वहीं दूसरी तरफ गोपाल कांडा के भाई और बीजेपी नेता गोविंद कांडा ने अपने बेटे धवल कांडा को हलोपा से रानियां सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यही वजह है कि, रणजीत चौटाला की नाराजगी सामने आ रही है। क्योंकि ऐसे में उनकी टिकट पर कांटा लग गया है. हालांकि, अभी तक बीजेपी हाईकमान की ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। वहीं रणजीत चौटाला ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए गोपाल कांडा पर तीखा हमला बोला है। चौटाला ने कहा कि, गोपाल कांडा का एक ही काम है 1 सीट जीतो और फिर सीएम से CLU करवाओ। वह इस बार सिरसा भी हारेंगे।

बता दें कि, बीते सोमवार को मंत्री रणजीत चौटाला ने रानियां में एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में चौटाला ने केवल अपने समर्थकों और कार्यकार्ताओं को शामिल किया था। बैठक में चुनावी चर्चा की गई। लेकिन इस बैठक में बीजेपी के किसी नेता को नहीं बुलाया गया। जहां बीजेपी नेताओं से दूरी बनाकर रणजीत चौटाला ने यह संकेत दे दिया कि वह निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं या कोई अन्य विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं।

यहां बता दें कि रणजीत चौटाला पहले कभी कांग्रेस में ही हुआ करते थे, वह पुराने समय से कांग्रेस में रहे हैं। अब वह कांग्रेस में फिर जाने पर विचार कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों से रायशुमारी भी कर ली है। रानियां चूंकि रणजीत चौटाला के लिए सेफ सीट मानी जाती है, इसलिए कांग्रेस यानी हुड्डा भी रणजीत चौटाला को अपनी पार्टी में लेने में ज्यादा देर नहीं लगाने वाले हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे रणजीत चौटाला

रणजीत चौटाला ने साल 2019 का विधानसभा चुनाव सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय जीता था और पूरे पांच साल बीजेपी को समर्थन दिया. इसके बदले में बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के कोटे से रणजीत चौटाला को हरियाणा सरकार में बिजली व जेल मंत्री बनाए रखा। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने रणजीत चौटाला से रानियां के विधायक पद से इस्तीफा दिलवाकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया तथा आधे घंटे के बाद ही हिसार लोकसभा सीट से टिकट थमा दिया।

हालांकि हिसार से कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी चुनाव जीते और रणजीत चौटाला को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन चौटाला हार का अंतर बहुत अधिक नहीं रहा. विशेष बात यह है कि, लोकसभा चुनाव हारने तथा रानियां के विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद बीजेपी ने रणजीत चौटाला को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बिजली मंत्री बनाए रखा। अब रणजीत चौटाला को लग रहा है कि बीजेपी उन्हें रानियां से शायद ही विधानसभा चुनाव लड़वाए, ऐसे में उन्होंने दबाव की राजनीति आरंभ करते हुए पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए हैं।