जीएसटी परिषद ने राज्यों से कर दरों में बढ़ोतरी पर नहीं मांगी राय: सूत्र
जीएसटी परिषद ने राज्यों से कर दरों में बढ़ोतरी पर नहीं मांगी राय: सूत्र
वस्तु एवं सेवा कर (GST) संबंधित मुद्दों पर फैसला करने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी काउंसिल ने टैक्स दरें (Tax Rates) बढ़ाने को लेकर राज्यों से राय नहीं मांगी है. सूत्रों ने रविवार को बताया कि जीएसटी दर (GST Rates) को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रही मंत्रियों की समिति ने जीएसटी परिषद को अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. पीटीआई भाषा के सूत्रों के मुताबिक, 143 वस्तुओं पर जीएसटी की दर बढ़ाने के बारे में राज्यों (States) से राय नहीं मांगी गई है. इसके अलावा आधे से अधिक उत्पादों को जीएसटी कर की सर्वाधिक 28 फीसदी की श्रेणी में डालने संबंधी कोई प्रस्ताव भी नहीं है. परिषद ने कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के बारे में सुझाव के लिए पिछले साल राज्यों के मंत्रियों की समिति का गठन किया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस समिति के प्रमुख हैं.
दरअसल हाल ही में कुछ ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकार 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में दरें बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर सकती है. फिलहाल जीएसटी में चार टैक्स स्लैब हैं जिसमें 5,12, 18 और 28 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है. सूत्र ने कहा कि ये खबर सिर्फ अनुमानों पर आधारित है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
पिछले साल मांगा था सुझाव
पिछले साल ही जीएसटी काउंसिल ने युक्ति संगत दरों पर के लिये कर्नाटक के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की स्थापना की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार के मंत्री शामिल हैं. सूत्र के अनुसार जीओएम को अभी भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करनी है. इसके साथ ही सूत्र ने जानकारी दी कि वित्त मंत्री के अमेरिका के दौरे पर होने की वजह से फिलहाल जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक की भी तारीख तय नहीं हुई है. इससे पहले पिछले साल 31 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी.
चार टैक्स स्लैब के अलावा एक शून्य टैक्स स्लैब भी है, आवश्यक सामान या तो टैक्स छूट में आते हैं या फिर 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आते हैं. वहीं, लग्जरी आइटम 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आते हैं. सरकार के मुताबिक देश के अधिकांश उत्पाद शून्य, 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत टैक्स में आते हैं. फिलहाल सरकार पेट्रोल डीजल पर ऊंचे टैक्स को लेकर विपक्ष के निशाने पर है. सरकार पहले ही कह चुकी है आय बढ़ाने के लिये तेल पर टैक्स दरें ऊंची रखी हैं. इसी बीच जीएसटी दरों को बढ़ाने की खबरें सामने आ गई. हालांकि सरकार ने इससे इनकार कर दिया है.