पत्र को लेकर राज्यपाल पुरोहित ने मांगा सीएम भगवंत मान से स्पष्टीकरण
Governor Purohit Sought Clarification
मीडिया को जारी पंजाबी के पत्र को लेकर बखेड़ा, राज्यपाल बोले उन्हें तो यह पत्र नहीं मिला लेकिन मीडिया को जारी कर दिया
पुरोहित ने कहा, उन्हें अंग्रेजी का पत्र मिला लेकिन मीडिया को जारी पंजाबी के पत्र से इसमें बिलकुल अलग कंटेंट, स्पष्ट करें मुख्यमंत्री कौन सा सही
चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (साजन शर्मा)
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित औरमुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी(Agriculture University) के वीसी की नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद शांत होता नहीं दिख रहा। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित(Governor Banwari Lal Purohit) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान(Chief Minister Bhagwant Mann) से कुछ पत्रों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। सीएम से उन्होंने पहला सवाल पूछा है कि उनका कौन सा पत्र सही है? अंग्रेजी वाला लैटर जो उन्हें राजभवन में मिला है या वो जो पंजाबी में लिखा है और राजभवन में राज्यपाल को भेजने से पहले मीडिया को जारी कर दिया गया। पुरोहित ने पूछा है कि दोनों लैटरों के चूंकि कंटेंट अलग है लिहाजा उन्हें समझ नहीं आ रहा कि असलियत क्या है। इसको लेकर मुखयमंत्री से सफाई मांगी गई है।
पहले राज्यपाल ने पीएयू के वीसी की नियुक्ति को गलत बताया और अब मीडिया में इस बाबत मुख्यमंत्री की ओर से जारी कथित पत्र को लेकर झमेला खड़ा हो गया है। पंजाब के राज्यपाल की ओर से कहा गया है कि मीडिया को पीएयू के वीसी की नियुक्ति को लेकर पंजाबी में एक लैटर जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि यह पत्र मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेजने के लिए लिखा लेकिन पंजाबी में लिखा यह पत्र तो राजभवन को अब तक नहीं मिला लेकिन उससे पहले मीडिया में पहुंच गया। पंजाब राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जो लैटर उन्हें मिला है वह अंग्रेजी में है और पंजाबी और अंग्रेजी में लिखे लैटर का कंटेंट भी बिलकुल अलग है। पंजाब राजभवन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से स्पष्टीकरण मांगा है कि इन दोनों लैटर में से कौन सा लैटर सही है। राजभवन ने यह भी पूछा है कि पंजाबी में लिखा लैटर आखिर राजभवन में गवर्नर को भेजने से पहले मीडिया को क्यों पहले जारी कर दिया गया? गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल के बीच विवाद नया नहीं है। पहले भी एक यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति को लेकर बखेड़ा खड़ा हो चुका है। यह फाइल राज्यपाल ने यह कहकर वापिस भेज दी कि उनसे पूछे बगैर कैसे पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति कर दी। अब पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वीसी को लेकर विवाद बन गया। इससे पहले विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाने को लेकर भी दोनों में तल्खी हो गई थी। मुख्यमंत्री विश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए एक दिन का सत्र बुलाना चाहते थे लेकिन राज्यपाल ने सत्र बुलाने से इनकार कर दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री व सरकार भी कहां झुकने वाली थी लिहाजा विधानसभा का पूरा सत्र ही बुला लिया गया जिसमें विश्वास मत पास किया गया और सरकार का बहुमत साबित किया गया। ऑपरेशन लोट्स चलाने का पंजाब सरकार भाजपा पर आरोप लगा चुकी है। सरकार का कहना है कि उनके विधायकों को तोडऩे की कोशिश हो रही है। उन्हें करोड़ों रुपये देकर अपने पक्ष में करने की कवायद चलाई जा रही है।
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सीएम के आफीशियल अकाउंट पर पड़े हैं लैटर: मलविंदर कंग
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर कंग का कहना है कि मुख्यमंत्री का आफीशियल ट्वीटर अकाउंट है। उस ट्वीटर अकाउंट पर भी लैटर पड़े हैं। इस लैटर का विवाद बनाने से पहले राज्यपाल आफीशियल ट्वीटर अकाउंट पर नजर डाल लेते तो ज्यादा बढिय़ा होता। वहां लैटर पड़े हुए हैं।