सेवानिवृत्त अध्यापकों की सेवाएं नहीं लेगी सरकार
सेवानिवृत्त अध्यापकों की सेवाएं नहीं लेगी सरकार
प्रदेश में छह सौ अध्यापकों व प्राध्यापकों की सेवाएं समाप्त
सरकार के फैसले पर हसला ने जताई आपत्ति
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में तैनात सेवानिवृत्त अध्यापकों एवं प्राध्याकों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर हरियाणा स्कूल लैक्चरर एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है।
हरियाणा के स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पुनर्नियुक्ति के आधार पर सेवानिवृत्त अध्यापकों व प्राध्यापकों की सेवाएं ली जाती हैं। प्रदेश सरकार ने गत दिवस प्रदेश में काम कर रहे ऐसे छह सौ अध्यापकों एवं प्राध्यापकों की सेवाओं को रद्द कर दिया है।
विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के नाम जारी पत्र में कहा है कि वह अपने-अपने जिलों में पुनर्नियुक्ति के आधार पर काम कर रहे सेवानिवृत्त अध्यापकों एवं प्राध्यापकों की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त की जाएं।
सूत्रों के अनुसार मार्च माह के दौरान स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है। परीक्षाओं के चलते कक्षाओं का आयोजन नहीं होता है। अप्रैल में भी कई दिन इसी तरह से निकल जाते हैं। ऐसे में सरकार इन अध्यापकों व प्राध्यापकों को वेतन नहीं देना चाहती हैं। जिसके चलते इनकी सेवाओं में ब्रेक लगाई गई है।
दूसरी तरफ हरियाणा स्क्ूल लैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान सतपाल सिंधु व महासचिव अमित मनहर ने हरियाणा सरकार से पुनर्नियुक्ति पर लगे अध्यापकों व प्राध्यापकों की सेवाएं बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश में पांच सौ संस्कृति मॉडल स्कूल खोलने जा रही है तो दूसरी तरफ अध्यापकों के हजारों पद खाली पड़े हुए हैं। वर्तमान में पुनर्नियुक्ति वाले अध्यापक व प्राध्यापक ही विद्यार्थियों के लिए कारगर सिद्ध हो रहे हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि नियमित नियुक्तियों तक इनकी सेवाओं को नियमित किया जाए।