Floating Solar Power Projects: मान सरकार द्वारा पंजाब में 300 मेगावाट कैनाल टॉप और फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजैक्ट लगाए जाएंगे: अमन अरोड़ा
Floating Solar Power Projects
नहरों और झीलों पर सोलर पावर प्रोजैक्ट लगाने से हज़ारों एकड़ कृषि योग्य ज़मीन की होगी बचत
चंडीगढ़, 21 नवंबर: Floating Solar Power Projects: प्राकृतिक स्रोतों के अधिक से अधिक प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स. भगवंत मान(Chief Minister Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में कुल 300 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर फोटोवोल्टिक(solar power photovoltaic) (पी.वी.) प्रोजैक्ट लगाने का निर्णय लिया गया है, जिनमें 200 मेगावाट कैनाल टॉप सोलर पी.वी. पावर प्रोजैक्ट(200 MW Canal Top Solar PV power project) और जलाशयों और झीलों पर लगाए जाने वाले 100 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पी.वी. पावर प्रोजैक्ट शामिल हैं। यह अहम निर्णय यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय-1 में पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता अधीन हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया।
प्रस्तावित 200 मेगावाट कैनाल टॉप सोलर प्रोजैक्ट
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि प्रस्तावित 200 मेगावाट कैनाल टॉप सोलर प्रोजैक्ट चरणबद्ध लगाए जाएंगे, जिसके अंतर्गत पहले पड़ाव में 50 मेगावाट की क्षमता वाला प्रोजैक्ट लगाया जाएगा, जबकि बाकी प्रोजैक्ट अगले पड़ावों में लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह प्रोजैक्ट पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) द्वारा बिल्ड, ऑपरेट एंड ओन (बी.ओ.ओ.) मोड के अंतर्गत लगाए जाएंगे।
इन प्रोजैक्टों को स्थापित करने की संभावनाओं संबंधी चर्चा करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय मामलों संबंधी विभाग के पास उनकी योजना के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग (वी.जी.एफ.) के लिए दावा पेश करने का प्रस्ताव है।
कैनाल टॉप सोलर पावर प्रोजैक्ट कम चौड़ाई वाले छोटे वितरिकाओं पर लगाए जाएंगे, जिससे यह प्रोजैक्ट लगाने पर कम से कम निर्माण कार्यों की ज़रूरत पड़े। 20 प्रतिशत वी.जी.एफ. को ध्यान में रखते हुए कैनाल टॉप सोलर पी.वी. प्रोजैक्ट की लागत तकरीबन 5 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होने की आशा है। 200 मेगावाट कैनाल टॉप सोलर पी.वी. प्रोजैक्टों को लगाने से 1000 एकड़ के करीब कीमती कृषि योग्य ज़मीन की बचत होगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजग़ार के अवसर बढ़ेंगे और नहरी पानी का वाष्पीकरण भी घटेगा।
झीलों के संभावित क्षेत्र का सही प्रयोग
इसी तरह जलाशयों और झीलों के संभावित क्षेत्र का सही प्रयोग करते हुए फ्लोटिंग सोलर पी.वी. प्रोजैक्ट लगाए जाएंगे, जो एक पृथक और रचनात्मक विचार है, और इससे हज़ारों एकड़ कृषि योग्य ज़मीन की बचत भी होगी। 20 प्रतिशत वी.जी.एफ. को ध्यान में रखते हुए फ्लोटिंग सोलर पी.वी. प्रोजैक्टों की लागत तकरीबन 4.80 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट पड़ेगी।
इस बैठक में पेडा के चेयरमैन श्री एच.एस. हंसपाल, मुख्यमंत्री पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के ए.सी.एस. श्री ए. वेणु प्रसाद, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री तेजवीर सिंह, पी.एस.पी.सी.एल. के सी.एम.डी. श्री बलदेव सिंह सरां, पेडा के मुख्य कार्यकारी श्री सुमित जारंगल और पेडा के निदेशक स. एमपी सिंह उपस्थित थे।
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