अग्निवीर योजना पर सरकार ले सकती है बड़ा फैसला; देश के युवा वर्ग में रोष देखते हुए तैयारी शुरू, तीनों सेनाओं से रिपोर्ट मांगी गई
Government Can Take Big Decision on Agniveer Yojana Latest Update
Agniveer Yojana: साल 2022 में केंद्र की बीजेपी सरकार 'अग्निपथ योजना' लेकर आई थी। इस योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) में भर्ती होने वाले जवानों को 'अग्निवीरों' की उपाधि दी गई। जिस कारण से इस योजना को 'अग्निवीर योजना' भी कहा गया। वहीं इस अग्निवीर योजना को लेकर जहां सरकार को अपने विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ा तो वहीं दूसरी तरफ इस योजना को लेकर युवाओं में भी खुशी नहीं दिखी।
नतीजा यह रहा है कि, अग्निवीर योजना के लॉन्च होते ही देश में युवाओं ने बवाल काट दिया। बिहार-यूपी सहित देश की अलग-अलग जगहों पर अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं ने जमकर विरोध किया और उस विरोध से लेकर अब तक स्थिति यह है कि देश का युवा वर्ग इस योजना से कतई खुश नहीं है। उसमें इसे लेकर उदासीनता है। इसके साथ ही विपक्ष भी इस योजना को बीजेपी के खिलाफ हथियार की तरफ इस्तेमाल कर रहा है। जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी देखने को भी मिला।
वहीं अब यह माना जा रहा है कि, लोकसभा चुनाव में सबसे चर्चित मुद्दों में एक अग्निवीर योजना को लेकर सरकार आने वाले दिनों कोई बड़ा फैसला ले सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अग्निवीर योजना में बड़े बदलावों की तैयारी हो रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी मौजूदा एनडीए सरकार अग्निवीर योजना को लेकर समीक्षा करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने तीनों सेनाओं के विभागों से इस पर रिपोर्ट मांगी है।
हालांकि, यह कहा जा रहा है कि अग्निवीर योजना के रद्द होने के चांस बहुत कम हैं लेकिन युवाओं को खुश करने के लिए अग्निवीर जवानों का कार्यकाल 4 साल की जगह 7 से 8 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ 4 साल बाद 25% जवानों को ही आगे नौकरी (15 साल की नौकरी) पर रखने और उन्हें पक्का किए जाने की प्रक्रिया में भी बदलाव हो सकता है। कहा जा रहा है कि, आगे नौकरी पर रखे जाने वाले जवानों की संख्या 25% की जगह 60-70% की जा सकती है। वहीं अग्निवीरों के ट्रेनिंग पीरियड में भी बदलाव संभव है। इसे बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ अग्निवीर योजना में और भी कुछ बदलाव हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने कहा- हम विपक्ष में बैठकर इसे रद्द कराएंगे
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी हमेशा 'अग्निवीर योजना' का मुद्दा उठाते रहे। राहुल गांधी ने कहा था अगर इंडिया गठबंधन की सरकार आएगी तो अग्निवीर योजना तुरंत खत्म कर दी जाएगी और सेना में परमानेंट भर्ती होगी। इसके साथ ही जो भी युवा अग्निवीर योजना के माध्यम से सेना में शामिल हो चुके हैं, उन्हें भी परमानेंट कर दिया जाएगा।
राहुल गांधी का कहना था कि, अग्निवीर जवानों को सेना में सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं और न ही उन्हें जान गवाने पर शहीद का दर्जा मिलता है। यह भेदभाव है। वहीं अब राहुल गांधी का कहना है कि, सरकार नहीं बनने और विपक्ष में बैठने के बाद भी हमारी पूरी कोशिश होगी कि हम इस योजना को सरकार से वापस कराएं। क्योंकि अब संसद में हमारी सेना ज्यादा है।
14 जून 2022 को लॉन्च हुई 'अग्निवीर योजना'
बता दें कि, 14 जून 2022 को 'अग्निपथ योजना' या 'अग्निवीर योजना' लॉन्च की गई थी। कहा गया था कि, इस 'अग्निपथ योजना' के माध्यम से भारत की तीन पराक्रमी सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) में अब नए तरीके से युवाओं की भर्ती की जाएगी। 'अग्निपथ योजना' के तहत जो भी युवा थल सेना, वायुसेना और नौसेना में जायेंगे। उन्हें 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाएगा। 'अग्निवीर योजना' लॉन्च करने में मुख्यता मौजूद रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि देश में एक ऐतिहासिक योजना लांच की गई है। देश के लिए वाकई यह ऐतिहासिक निर्णय है।
'अग्निवीर योजना' का लक्ष्य सैन्य सेवा को यूथफुल बनाना है। इस योजना से भारतीय सेनाएं विश्व में बेहतर होंगी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि सैन्य सेवा में यूथफुल प्रोफाइल से यह फायदा भी होगा कि नई-नई टेक्नोलॉजीज के लिए आसानी से ट्रेंड किया जा सकेगा। रक्षा मंत्री का कहना था कि सैन्य सेवा में यूथफुल प्रोफाइल होगी तो फिटनेस का लेवल भी बेहतर होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना था कि 'अग्निवीर योजना' से जहां सैन्य सेवा को और मजबूती मिलेगी तो वहीं इस योजना के चलते देश की अर्थ व्यवस्था में भी सुधार आएगा। रक्षा मंत्री ने कहा था कि जब अग्निपथ योजना में अपनी सर्विस पूरी करने के बाद 'अग्निवीर' यहां से निकलेंगे तो उनका कद पूरे देश में अलग ही होगा। वे अलग ही पहचाने जायेंगे। वह बेहद हायर स्किल्ड वर्कफोर्स की उपलब्धता वाले होंगे। इसलिए वह अपने कौशल के साथ विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ले पाएंगे। बतादें कि, 'अग्निपथ योजना' की लॉन्चिग पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारत की तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के चीफ भी मौजूद रहे थे। जिन्होंने इस योजना को लेकर अपने-अपने विचार रखे थे।
'अग्निवीर योजना' लॉन्च होने के बाद BSF में 10% आरक्षण
'अग्निवीर योजना' लॉन्च होने के बाद BSF में 10% आरक्षण की भी घोषणा की गई थी। केंद्र सरकार ने BSF में Ex-अग्निवीरों की भर्ती के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की थी। यानि BSF में जो भी वैकेंसियां निकलेंगी उनमें 10% वैकेंसी Ex-अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेगी। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी।
गृह मंत्रालय ने जारी अधिसूचना में बताया था कि, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में Ex-अग्निवीरों को 10% आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही पहले बैच के Ex-अग्निवीरों को उम्र सीमा में 5 साल तक की छूट भी दी जाएगी। वहीं बाद के बैच Ex-अग्निवीरों को उम्र सीमा में 3 साल तक की छूट मिलेगी। गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में यह भी जानकारी दी कि, बीएसएफ भर्ती के फिजिकल टेस्ट में भी Ex-अग्निवीरों को छूट मिलेगी।
'अग्निवीर योजना' की भर्ती किस तरह से है?
इस योजना के तहत भर्ती के लिए साढ़े 17 से 21 साल की उम्र के 10वीं और 12वीं पास युवा आवेदन करने के पात्र हैं। वहीं इस योजना के साथ सर्विस नियम भी बदल गए हैं। हालांकि सेना में भर्ती के पैमानों से कोई समझौत नहीं होगा. जैसे सेना में भर्ती होती है. वैसी ही होगी. फिजिकल, मेडिकल टेस्ट सबकुछ होगा। इसमें आपको खरा उतरना होगा। वहीं योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं यानि अग्निवीरों की नौकरी (अधिकतम 6 महीने तक ट्रेनिंग) के साथ सिर्फ 4 साल की होगी। 4 साल के बाद कुल अग्निवीरों में सिर्फ 25 फीसदी अग्निवीरों को ही नौकरी पर रखा जाएगा। यानि 75% अग्निवीर जवान रिटायर कर दिए जाएंगे।
वहीं 'अग्निवीर योजना' के तहत सेना में भर्ती होने वाले युवाओं के पहले साल का सालाना सैलरी पैकेज 4.76 लाख रुपये होगा लेकिन चार साल में यह बढ़कर 6.92 लाख रुपये हो जाएगा। पेंशन नहीं मिलेगी। मगर 'सेवा निधि' का फायदा जरूर मिलेगा। यानि फंड का, अग्निवीरों की मासिक सैलरी का 30% काटा जाएगा. यह 30% रकम सरकार जमा करेगी। चार साल की सर्विस के बाद 'सेवा निधि' में जमा यह रकम ब्याज सहित दे दी जाएगी. मतलब, 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत आपको दिया जाएगा। ये पैसा इनकम टैक्स के दायरे से मुक्त होगा।
वहीं सभी अग्निवीरों का 48 लाख रुपये का नॉन-प्रीमियम इंश्योरेंस कवर होगा। ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि मिलेगी। इसके अलावा, परिवार को सेवा निधि सहित चार सालों तक सेवा न किए गए हिस्से का भी भुगतान किया जाएगा। मतलब शहीद की बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी परिवार को मिलेगी। इसी प्रकार सेवा के दौरान अगर अग्निवीर दिव्यांग हो जाते हैं तो दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा सेवा निधि के अलावा बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी दी जाएगी।