डिजिटल रसीदों की मदद से शासन सुधार विभाग सालाना 1.3 करोड़ कागज़ों की करेगा बचत
- By Vinod --
- Friday, 12 May, 2023
Governance Reforms Department will save 1.3 crore papers annually with the help of digital receipts
Governance Reforms Department will save 1.3 crore papers annually with the help of digital receipts- एक और पर्यावरण हितैषी पहलकदमी करते हुये पंजाब शासन सुधार विभाग (डी. जी. आर.) द्वारा सेवा केन्द्रों में सरकारी सेवाओं के लिए अदा की जाती फीस की रसीदें आवेदकों को अब उनके मोबाइल फ़ोन पर एस. एम. एस. के द्वारा भेजने का फ़ैसला किया गया है, जिससे न सिर्फ़ 1.3 करोड़ कागज़ों की बचत होगी, बल्कि सरकारी खजाने से सालाना तकरीबन 80 लाख रुपए का बोझ भी घटेगा।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब के शासन सुधार और लोक शिकायत निवारण मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि यह सेवा आज से शुरू हो गई है। कागज़ी रसीद प्रणाली के ख़ात्मे से सेवा केन्द्रों में कार्बन का प्रयोग घटेगा जोकि एक अच्छे और साफ़ सुथरे भविष्य की दिशा की तरफ अहम कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि आवेदकों को अब कागज़ी रसीदों के खो जाने की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि अब वह एस. एम. एस. के द्वारा आसानी से अपनी भुगतान रसीदें प्राप्त कर सकेंगे।
शासन सुधार मंत्री ने कहा कि डिजिटल रसीदों पर आम कागज़ी रसीदों वाली सारी जानकारी उपलब्ध होगी, परन्तु यदि कोई आवेदक कागज़ी रसीद लेना चाहेंगे तो उसे बिना किसी अतिरिक्त ख़र्च के हस्ताक्षर और मोहर लगी हुई रसीद दी जायेगी। परन्तु उन्होंने साथ ही नागरिकों को यह भी अपील की कि वह कागज़ी रसीदों की माँग न करके मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की इस पर्यावरण हितैषी पहलकदमी का हिस्सा बनें।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि रसीद की ऑफिस कापी आवेदन फार्म के पहले पन्ने के पिछले तरफ़ प्रिंट की जायेगी और सेवा केन्द्रों के ऑपरेटर की तरफ से इस पर हस्ताक्षर करके मोहर लगाई जायेगी। फार्म-रहित सेवा केस में सिस्टम जैनरेटिड फार्म के पिछली तरफ़ ज़रूरत पड़ने पर रसीद प्रिंट की जायेगी।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में डिजिटल रसीद पहले ही एक सफल विकल्प साबित हो चुकी है क्योंकि इनको स्टोर करना और ज़रूरत पड़ने पर इन तक पहुँच करना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि पेपर-रहित फीस रसीद प्रणाली सेवा प्रदान करने वालों और उपभोक्ताओं दोनों के समय की भी बचत करेगी क्योंकि इससे सेवा केन्द्रों में काऊंटरों पर रसीद प्रिंट करने के समय की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रिंटिंग पर आने वाले सालाना तकरीबन 80 लाख रुपए के खर्चे की भी बचत होगी।
इस दौरान डायरैक्टर डी. जी. आर. श्री गिरिश दियालन ने बताया कि इस सिस्टम को डी. जी. आर. की अपनी सॉफ्टवेयर टीम द्वारा डिज़ाइन और तैयार किया गया है, जिसमें प्रियांक शर्मा, सुखविन्दर सिंह और रोबिन शामिल हैं।