मैं मर रही हूं, शायद बेगुनाह हो जाऊं... इस गोल्ड मेडलिस्ट महिला डॉक्टर की पूरी चिट्ठी नहीं पढ़ पायेंगे आप... बेहद मार्मिक है

मैं मर रही हूं, शायद बेगुनाह हो जाऊं... इस गोल्ड मेडलिस्ट महिला डॉक्टर की पूरी चिट्ठी नहीं पढ़ पायेंगे आप... बेहद मार्मिक है

Gold Medalist Dr Archna Sharma Committed Suicide in Dausa Rajasthan

Gold Medalist Dr Archna Sharma Committed Suicide in Dausa Rajasthan

एक गोल्ड मेडलिस्ट महिला डॉक्टर के सामने ऐसी परिस्थितयों ने जन्म ले लिया कि उसे आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाना पड़ गया| मामला राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट इलाके का है| जहां एक अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात डॉ अर्चना शर्मा (गोल्ड मेडलिस्ट) ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली| दरअसल, डॉ अर्चना शर्मा ने यह कदम बेहद परेशान होकर उठाया| वह अंदर से इसकदर परेशान हुईं कि उन्हें एकमात्र मौत का रास्ता ही नजर आया|

बताया जाता है कि जिस अस्पताल में डॉ अर्चना शर्मा तैनात थीं वहां एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी का केस आया था| जिसे डॉ अर्चना शर्मा ने हैंडल किया| लेकिन बदकिस्मती से डिलीवरी के दौरान उक्त महिला की जान नहीं बचाई जा सकी| वहीं जब इधर इस महिला की मौत की खबर उसके परिजनों और उनके जान-पहचान वालों को हुई तो उन्होंने इसे लेकर हंगामा किया और डॉक्टर की लापरवाही और गलती बताई| इसके बाद बात यहीं खत्म नहीं हुई डॉ अर्चना शर्मा पर हत्या का मामला भी दर्ज कराया गया| बस इसके बाद डॉ अर्चना शर्मा इतनी ज्यादा परेशान हो गईं कि उन्होंने अपनी जान ही दे दी और छोड़ गईं अपने पीछे अपनी बेगुनाही का सबूत!

मार्मिक चिट्ठी आई सामने ....

उक्त महिला को मार देने का आरोप और हत्या का केस दर्ज होने के बाद डॉ अर्चना शर्मा जब आत्महत्या कर रहीं होंगीं तो शायद उनके लिए यह सब आसान नहीं रहा होगा| वह अंदर से कितना रोई होंगी.. टूटी होंगी| तभी तो इस दुनिया से जाने से पहले उन्होंने एक बेहद मार्मिक चिठ्ठी लिखी| इस मार्मिक चिट्ठी में डॉ अर्चना शर्मा ने जो कुछ लिखा है, शायद उससे समझना आसान है कि डॉ अर्चना शर्मा के लिए खुद की जान लेने का फैसला कितना मुश्किल रहा होगा। चिट्ठी में पति से प्यार, एक मां की चिंता और बेकसूर होने का दर्द सब कुछ सबकुछ साफ झलख रहा है| जरा सोचिए, उस मां के दिल पर क्या बीती होगी जब उसने अपनी जीवनलीला समाप्त करने की सोची।

सुसाइड नोट पढ़ लीजिए.....

सुसाइड नोट रुपी मार्मिक चिट्ठी में मरने से पहले डॉक्टर अर्चना शर्मा ने लिखा- ‘मैं, मेरे पति, मेरे बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। कृपया, मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा। PPH एक known complication है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो।’ आगे उन्होंने लिखा कि मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। उन्होंने बोल्ड लेटर में लिखा, ‘DON’T HARASS INNOCENT DOCTORS. PLEASE.’ आगे उन्होंने लिखा कि मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।

पीपीएच कॉम्प्लिकेशन क्या?

बतया जाता है कि उक्त महिला की मौत पीपीएच कॉम्प्लिकेशन की वजह से हुई| पीपीएच एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें शरीर से काफी खून निकल जाता है। इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है जिसमें हार्ट रेट बढ़ना, तेज सांस और खून के प्रवाह में कमी शामिल है। इससे मरीज के लिवर, ब्रेन, हार्ट या किडनी में खून का संचार बाधित हो सकता है और ऐसे में मौत हो जाती है| और इसीलिए डॉक्टर अर्चना शर्मा की मौत के बाद मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों ने डॉक्टरों को बचाने की बात कही है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि PPH एक जानी पहचानी जटिलता है जो खतरनाक हो सकती है। ऐसे में किसी भी प्रेग्नेंट महिला की जान जा सकती है| हत्या का मामला दर्ज करना बिल्कुल गलत है। उनका कहना है कि अगर डॉक्टरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाने लगा तब तो हर पेशेंट का इलाज करते समय डॉक्टर 10 बार सोचेगा। उसका भी हाथ कांपेगा। निश्चित तौर पर ऐसे में कोई डॉक्टर अपने पेशे से न्याय नहीं कर पाएगा। हमें यह समझना होगा कि डॉक्टर या दवाएं हमें अमर नहीं बना सकते। कितना भी पैसा किसी के पास हो वह जिंदगी को खरीद नहीं सकता।

डॉक्टरों का जतायें आभार...

डॉक्टरों के हाथ में जो होता है वे अपना 100 प्रतिशत देते हैं। यह समझकर हमें उनके प्रति आभार जरूर जताना चाहिए न कि प्रताड़ित  करना चाहिए| हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि सभी डॉक्टर अच्छे ही होते हैं। कुछ ऐसे भी हो सकते हैं जो पैसा कमाने के चक्कर में मरीजों के परिवारवालों के साथ छल करते हैं| लेकिन अगर ऐसा है तो इसके लिए जांच-पड़ताल को अमल में लाना चाहिए|