पहली से आठवीं तक लड़कियों के स्कूल होंगे को-एड:कंवर पाल
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पहली से आठवीं तक लड़कियों के स्कूल होंगे को-एड:कंवर पाल

पहली से आठवीं तक लड़कियों के स्कूल होंगे को-एड:कंवर पाल

पहली से आठवीं तक लड़कियों के स्कूल होंगे को-एड:कंवर पाल

रेशनेलाइजेशन के बाद रिक्त होंगे करीब 15 हजार पद
निजी स्कूलों में लिया मात्र 1668 गरीब बच्चों ने दाखिला
विज्ञान अध्यापकों की तैनाती को बनेंगे कलस्टर

चंडीगढ़। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार लड़कियों के पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को को-एजुकेशन में तब्दील करने की योजना पर काम कर रही है। बहुत जल्द छठी से आठवीं तक लडक़ों तथा लड़कियों के स्कूलों को एक किया जाएगा। इससे जहां शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव होगा। यही नहीं बुनियादी ढांचा पर भी खर्च कम होगा और अध्यापकों की तैनाती की प्रक्रिया भी सरल होगी।
कंवर पाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थिति हरियाणा निवास में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। अध्यापकों के रिक्त पदों पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए कंवर पाल ने कहा कि 38 हजार रिक्त पदों का आंकड़ा काफी पुराना है।
सरकार द्वारा वर्तमान में रेशनेलाइजेशन की जा रही है। जिसके बाद अध्यापकों के लगभग 15000 पद ही प्रदेश में रिक्त मिलेंगे। इसकी एवज में 7800 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार करके कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जा चुका है।
स्कूल बंद करने को लेकर चल रहे विवाद पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऐसे बहुत से स्कूल थे जहां महज दस बच्चों पर भी दो अध्यापक और सौ बच्चों पर भी दो अध्यापक थे। जिसके चलते रेशनेलाइजेशन की जा रही है। अब कोई स्कूल ऐसा नहीं बचेगा जहां विद्यार्थी अध्यापक अनुपात सही न हो। 
उन्होंने आरटीई तथा 134-ए को लेकर चल रही चर्चाओं पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार द्वारा निजी स्कूलों को यह प्रस्ताव दिया गया था कि वह गरीब बच्चों को पढ़ाएं बदले में सरकार उन्हें फीस देगी। जिसके बाद प्रदेश में 361 प्राइवेट स्कूलों ने गरीब बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई। इन स्कूलों में 27 हजार सीटें खाली थी लेकिन इसकी इसकी एवज में 1668 विद्यार्थियों ने ही निजी स्कूलों में दाखिला लिया है। 
प्रदेश में विज्ञान तथा गणित विषय के अध्यापकों की तैनाती पर सरकार की योजना का खुलासा करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस संस्थान में कम से कम दस बच्चे होंगे वहां साइंस तथा गणित के संकाय चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कलस्टर बनाने का भी फैसला लिया गया है। जहां इससे कम बच्चे होंगे वहां साइंस के अध्यापक की तैनाती नहीं होगी।