गहलोत फिर चलेगा कोई जादू या सचिन पायलट बनेंगे मुख्यमंत्री, क्या हाईकमान का फैसला...
Gehlot will again do some magic or Sachin Pilot will become the Chief Minister, will the decision of
Gehlot will again do some magic or Sachin Pilot will become the Chief Minister : नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर राजस्थान कांग्रेस में अभी भी सियासी संकट बरकरार है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई पर पार्टी के आलाकमान को फैसला करना है। पार्टी का कहना है कि सोनिया गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में एक-दो दिन में फैसला ले लेंगी। इसके बाद सभी की निगाहें राजस्थान पर टिकी हैं। अशोक गहलोत ने भले ही यह कहा है कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता और वह पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं, लेकिन उनके विधायकों ने अभी भी अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है। उनका साफ कहना है कि दिल्ली के फैसले के बाद ही वह अपने स्टैंड पर विचार करेंगे।
इससे पहले अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े को अपना समर्थन दिया और इसके तुरंत बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। गहलोत ने खडग़े का प्रस्तावक बनने के बाद कहा था, 'मेरे लिए, कोई पद महत्वपूर्ण नहीं है। देश में कांग्रेस को मजबूत बनाने की जरूरत है और हर भारतीय ऐसा कह रहा है।
मेरे लिए मायने रखता है पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए : गहलोत
अशोक गहलोत से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सोनिया गांधी से भेंट के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की, गहलोत ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ''मैं गांधी परिवार के आशीर्वाद से पिछले 50 वर्ष से कई पदों पर रहा हूं। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया। मेरे लिए पद मायने नहीं रखता बल्कि यह मायने रखता है कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए। मैं इसके लिए हरसंभव कोशिश करूंगा। उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं अभी कोई पद छोड़ता हूं, तो कहा जाएगा कि जब कांग्रेस संकट से गुजर रही है तो अशोक गहलोत भाग रहे हैं... मैं वही करूंगा जो आलाकमान कहेगा।
अशोक गहलोत ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और संबंधित घटनाक्रम के लिए गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर माफी मांगी थी और कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।