गोलमाल: सेक्टर 16 में केमिस्ट शॉप को लेकर गोरखधंधा:
Fraud Over Chemist Shop
प्रशासन की दलील, 27 लाख रुपये प्रतिमाह, 90 हजार रुपये प्रतिदिन का हुआ नुकसान
करोड़ों के नुकसान को लेकर कौन जिम्मेदार, अब तक जवाबदेही तय नहीं
-29 साल से जीएमएसएच 16 परिसर में चल रही थी केमिस्ट शॉप
चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (साजन शर्मा)
Fraud Over Chemist Shop: कई साल चले गोलमाल व बड़े घपले के बाद आखिर चंडीगढ़ के प्रमुख अस्पताल सेक्टर 16 में एक केमिस्ट शॉप के लिए वीरवार को बोली लग गई। नई कैमिस्ट शॉप 17.01 लाख रुपये के मासिक रेंट पर अलॉट हो गई । बीते 29 सालों से जो एकमात्र केमिस्ट शॉप अस्पताल के परिसर में महज 2.5 लाख रुपये के किराये पर यहां के उच्चाधिकारियों की सांठगांठ से चल रही थी, नई अलाट की गई केमिस्ट शॉप उससे एरिया में बिलकुल आधी है।
स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग जिनके संज्ञान में ये मामला आया और उन्होंने त्वरित कार्रवाई की। उनका कहना है कि पुरानी केमिस्ट शॉप के संचालक को लीज कैंसिल करने के लिए एक महीने का नोटिस जारी किया है हालांकि अस्पताल में पहले केमिस्ट शॉप चला रहे मालिक सुनील कुमार ने लीज रद्द करने के नोटिस के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में याचिका दायर की है। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। प्रशासन ने कहा है कि इस शॉप को खाली करवाए जाने के बाद बिडिंग प्रक्रिया के तहत इसकी भी निष्पक्ष तरीके से अलॉटमेंट की जाएगी।
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि सेक्टर 16 के जीएमएसएच और सेक्टर 45 के सिविल हॉस्पिटल में एक और केमिस्ट शॉप खोलने के लिए भी बिड मांगी गई है। 17 नवंबर तक बिड भरी जा सकती है। मनीमाजरा के सिविल हॉस्पिटल में नई केमिस्ट शॉप के लिए बिड 10.26 लाख रुपए में बोली लगी थी हालांकि इसका रिजर्व प्राइस 2 लाख रुपए महीना था। सिविल हॉस्पिटल, सेक्टर 22 में नई केमिस्ट शॉप के लिए सबसे ज्यादा 6.25 लाख रुपए की बोली लगी थी। इसका भी रिजर्व प्राइस 2 लाख रुपए प्रति महीना था। जीएमएसएच:16 की कैंटीन के लिए प्रशासन को सबसे ज्यादा 9.21 लाख रुपये की बिड मिली है। इससे पहले मासिक रेंट करीब 5 लाख रुपए था।
ये लगाई शर्तें
चंडीगढ़ प्रशासन के हेल्थ विभाग ने इन नई केमिस्ट शॉप्स के टैंडर में इन्हें सप्ताह में सातों दिन और दिन में पूरे 24 घंटे खुले रखने की शर्त लगा रखी है। ब्रांडेड दवाइयों पर न्यूनतम 15 प्रतिशत छूट और जेनेरिक तथा जेनेरिक ब्रांडेंड दवाइयों पर न्यूनतम 30 प्रतिशत की छूट देनी होगी। इसके अलावा सर्जिकल और कंज्यूम करने वाली आइटमम् पर भी 30 प्रतिशत की छूट देनी होगी। हेल्थ सेक्रेट्री यशपाल गर्ग ने बताया कि जीएसएसएच 16 व जीएमसीएच 32 में जन औषधि शॉप्स भी अलॉट कर दी गई हैं। अगले 15 दिनों में यह चालू हो जाएंगी। यहां पर लोगों को बेहतर क्वालिटी की दवाएं मिलेंगी।
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27 लाख रुपये महीने व 90 हजार रुपये प्रतिदिन की लगी चपत
प्रशासन द्वारा कहा गया है कि सेक्टर 16 हॉस्पिटल में घेरी गई जमीन और बाकी दुकानों की ऊंची बिड के हिसाब से इस पुरानी केमिस्ट शॉप का किराया महीने का लगभग 30 लाख रुपये होना चाहिए। हालांकि मौजूदा शॉप संचालक महीने का केवल 2.5 लाख रुपए ही भर रहा था। ऐसे में सरकारी खजाने को 27 लाख रुपए महीने व रोजाना के 90 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। लीज के बाकि बचे पीरियड में प्रशासन को 5 करोड़ के नुकसान का अनुमान बताया गया है। इस सारे प्रकरण में हैरानी वाली बात यह है कि इस गोलमाल में स्वास्थ्य विभाग को इतने साल चपत लगी लेकिन किन-किन अधिकारियों का इस सांठगांठ और घपले में हाथ रहा, इसका कोई खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। न ही प्रशासन ने बताया है कि जांच कराई जा रही है या नहीं। अगर जांच हो रही है तो यह कहां तक पहुंची और शक की सुई किन अधिकारियों की ओर है।