'हम भारत नहीं लौट पाते, अगर PM मोदी दखल नहीं देते': कतर से रिहाई के बाद नौसेना के पूर्व अधिकारियों ने कहा
Qatar Indian Navy Veterans
नई दिल्ली। Qatar Indian Navy News कतर में कई महीनों की पीड़ादायक कैद झेलने के बाद रिहा हुए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों में से 7 भारतीय आज वापस अपने वतन लौट आए हैं। 'जासूसी' के आरोप में मौत की सजा पाने वाले इन पूर्व नौसैनिकों ने रिहाई के लिए पीएम मोदी की खूब प्रशंसा की है।
आज तड़के दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद सभी ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।
मोदी न होते तो हम नहीं बचते
भारत लौटे एक पूर्व नैसैनिक ने कहा कि यदि पीएम मोदी और भारत सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप और निरंतर राजनयिक प्रयास नहीं करती तो उन्हें रिहा नहीं किया गया होता। नई दिल्ली से निरंतर राजनयिक हस्तक्षेप और कानूनी सहायता के बाद उनकी मौत की सजा को जेल की सजा में बदल दिया गया।
बताया कैसे छूटे
एएनआई से बात करते हुए, पूर्व नौसेना कर्मी ने बताया कि पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के सामने उनकी सजा की बात रखी और आठों भारतीयों की रिहाई के लिए अथक राजनयिक प्रयास किए।
पूर्व नौसेना कर्मी ने कहा,
आखिरकार सुरक्षित और स्वस्थ घर वापस आकर मुझे राहत और खुशी महसूस हो रही है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि यह संभव नहीं होता अगर हमारी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उनका व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं होता। मैं अपना आभार भी व्यक्त करना चाहता हूं।
'मोदी न होते तो हम आज यहां खड़े न होते'
राहत भरी मुस्कान और शांत भाव के साथ रिहा हुए एक अन्य पूर्व नौसेना अधिकारी ने कहा, "पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना, हम छूट नहीं सकते थे। अगर उनके अथक प्रयास नहीं होते तो हम आज आपके सामने खड़े नहीं होते। हमें आजादी दिलाने के लिए उच्चतम स्तर पर हस्तक्षेप किया गया, जिसके हम आभारी हैं।''
एक अन्य रिहा हुए नौसैनिक ने भी उनकी रिहाई सुनिश्चित करने में केंद्र के हस्तक्षेप की प्रशंसा करते हुए कहा, "हम, साथ ही घर पर हमारे चिंतित परिवार के सदस्य, लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। यह सब इसलिए सफल हुआ क्योंकि पीएम मोदी और इस मामले में उनका व्यक्तिगत हस्तक्षेप था। उन्होंने हमारे मामले को कतर सरकार के उच्चतम स्तर तक उठाया और अंततः हमारी रिहाई सुनिश्चित की।
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