हरियाणा में पूर्व राज्यमंत्री का BJP से इस्तीफा; टिकट न मिलने से आहत कर्णदेव कंबोज ने पार्टी छोड़ी, कहा- अब गद्दारों को मिल रही तव्वजो
Former Haryana Minister of State Karan Dev Kamboj Resigns BJP News
Karan Dev Kamboj Resigns: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बुधवार देर शाम 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। जहां लिस्ट जारी होने के कुछ देर बाद ही पार्टी के अंदर बगावत के सुर गूंज उठे। अब स्थिति यह है कि, बीजेपी से कई नेताओं के लगातार इस्तीफे सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में कुछ बड़े चेहरे भी शामिल हैं। हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है।
कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा सीट से टिकट न मिलने को लेकर आहत हुए हैं। कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा से टिकट चाहते थे। मगर बीजेपी ने उन्हें यहां से उम्मीदवार नहीं बनाया और उनकी जगह राम कुमार कश्यप को कैंडिडेट घोषित कर दिया। कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा से 2014 में विधायक और हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले एवं वन विभाग के पूर्व राज्यमंत्री थे।
कर्णदेव कंबोज ने बीजेपी पर गंभीर बातें कहीं
पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने अपना जो इस्तीफा पत्र जारी किया है। उसमें उन्होंने बीजेपी पर मुखर होकर बड़ी गंभीर बातें कहीं हैं। कर्णदेव कंबोज ने अपने इस्तीफे में लिखा- मैं बीजेपी ओबीसी मोर्चा और सभी अन्य पदों से अपना त्यागपत्र देता हूं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पंडित दीन दयाल उपाध्याय तथा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रहीं. अब पार्टी में नुकसान करने वाले गद्दारों को तव्वजो दी जाती है. साथियों वर्षों तक मैने तथा मेरे पूरे परिवार ने भाजपा की तन मन धन से सेवा की।
पिछले पांच साल तक मोर्चे के अध्यक्ष के नाते पूरे प्रदेश में प्रवास तथा इस समय हरियाणा में 150 सामाजिक टोलियां बना कर काम पर लगी हुई हैं लेकिन अनुशासित पार्टी कहे जाने वाली भाजपा को शायद अब वफादारों की आवश्यकता नहीं है. इसलिए ऐसे लोगों के सहारे सरकार बनाना चाहती है जिन्होने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाया है जो कि कभी बन नहीं पाएगी।
कर्णदेव कंबोज ने आगे लिखा कि ऐसे नेता जो कल पार्टी में आए उनको टिकटें दी गई और जो बचपन से पार्टी की सेवा में लगे हुए हैं उनको दर किनार कर दिया. फिर कांग्रेस और बीजेपी में फर्क क्या रह गया है. बाकी का फैसला जो मेरे समर्थक लेंगे की चुनाव लड़ना है या नहीं. आगामी फैसला जो मेरे साथी करेंगे मैं उसका सम्मान करते हुए अगला कदम उठाऊंगा।
कर्णदेव कंबोज का इस्तीफा पत्र
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शेड्यूल बदला
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 के शेड्यूल में बदलाव किया गया है। इलेक्शन कमीशन (ECI) ने नया शेड्यूल जारी किया है। जहां नए शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी थी और 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया जाना था।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।
इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।